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चुप मसान में बैठे-बैठे | चुप मसान में बैठे-बैठे | ||
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शक्तिहीन कमज़ोर तुच्छ को | शक्तिहीन कमज़ोर तुच्छ को | ||
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हाज़िर नाज़िर रखकर | हाज़िर नाज़िर रखकर | ||
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सपने बुरे देखना ! | सपने बुरे देखना ! | ||
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टूटी हुई बीन को लिपटाकर छाती से | टूटी हुई बीन को लिपटाकर छाती से | ||
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राग उदासी के अलापना ! | राग उदासी के अलापना ! | ||
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बुरी बात है ! | बुरी बात है ! | ||
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जंगल-जंगल नद्दी-नाले कूद-फांद कर | जंगल-जंगल नद्दी-नाले कूद-फांद कर | ||
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धरती रौंदो ! | धरती रौंदो ! | ||
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ऐसे कौंधो । | ऐसे कौंधो । | ||
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12:06, 29 मार्च 2014 के समय का अवतरण
बुरी बात है
चुप मसान में बैठे-बैठे
दुःख सोचना, दर्द सोचना !
शक्तिहीन कमज़ोर तुच्छ को
हाज़िर नाज़िर रखकर
सपने बुरे देखना !
टूटी हुई बीन को लिपटाकर छाती से
राग उदासी के अलापना !
बुरी बात है !
उठो, पांव रक्खो रकाब पर
जंगल-जंगल नद्दी-नाले कूद-फांद कर
धरती रौंदो !
जैसे भादों की रातों में बिजली कौंधे,
ऐसे कौंधो ।