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{{KKRachnakaarParichay
|रचनाकार=नीरज दइया
}}<poem>'''मोटा पाठ'''जन्म : 6 जून, 1974 श्रीगंगानगर में ।
राजस्थानी के प्रख्यात कवि कहानीकार श्री मोहन आलोक की पुत्री।
दो कविता-संग्रह प्रकाशित- "सिमरण" और "जळ विरह" (2008)।
वर्ष 2003 का साहित्य अकादेमी पुरस्कार "सिमरण" पर और इसी पुस्तक का हिन्दी अनुवाद "सुमिरन" (2005) साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित।
वर्तमान-आवास बीकानेर जिलै के खाजूवाला में।</poem>