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ग़ालिब
,/* ग़ालिब की कुछ रचनाएँ */
* [[पीनस में गुज़रते हैं जो कूचे से वह मेरे / ग़ालिब]]
* [[फ़ारिग़ मुझे न जान कि मानिंद-ए-सुब्ह-ओ-मेहर / ग़ालिब]]
* [[है बज़्म-ए-बुतां में सुख़न आज़ुर्दा लबों से / ग़ालिब]]
* [[ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर / ग़ालिब]]
* [[बर्शकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए / ग़ालिब]]