भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नज़ीर बनारसी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) (→प्रतिनिधि रचनाएँ) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) (→प्रतिनिधि रचनाएँ) |
||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
* [[किसने झलक पर्दे से दिखा दी / नज़ीर बनारसी]] | * [[किसने झलक पर्दे से दिखा दी / नज़ीर बनारसी]] | ||
* [[कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे / नज़ीर बनारसी]] | * [[कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे / नज़ीर बनारसी]] | ||
− |
23:17, 20 मई 2014 का अवतरण
नज़ीर बनारसी
जन्म | 25 नवंबर 1909 |
---|---|
निधन | 23 मार्च 1996 |
उपनाम | बनारसी |
जन्म स्थान | बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गंगो जमन, जवाहर से लाल तक, गुलामी से आजादी तक, चेतना के स्वर, किताबे गजल, राष्ट्र की अमानत राष्ट्र के हवाले | |
विविध | |
राजकमल प्रकाशन से मूलचंद सोनकर के संपादकत्व में 'नजीर बनारसी की शायरी' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई है | |
जीवन परिचय | |
नज़ीर अकबराबादी / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- बुतख़ाना नया है न ख़ुदाख़ाना नया है / नज़ीर बनारसी
- इक रात में सौ बार जला और बुझा हूँ / नज़ीर बनारसी
- ख़मे मेहराबे हरम भी ख़मे अब्रू तो नहीं / नज़ीर बनारसी
- बुझा है दिल भरी महफिल को रौशनी देकर / नज़ीर बनारसी
- हर गाम पे हुशियार बनारस की गली में / नज़ीर बनारसी
- गंगा का है लड़कपन गंगा की है जवानी / नज़ीर बनारसी
- मुफ़लिसी थी तो उसमें भी एक शान थी (प्रेमचन्द) / नज़ीर बनारसी
- मादरे-हिन्द से / नज़ीर बनारसी
- किसने झलक पर्दे से दिखा दी / नज़ीर बनारसी
- कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे / नज़ीर बनारसी