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वसन्त / शिरीष कुमार मौर्य
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17:19, 26 मई 2014
जिनकी मुझे याद नहीं
रेम
प्रेम
के महान क्षणों के बाद मरे हुए वसन्त
अब भी मेरे हैं
मिलूँगा कहीं तो वे भी मिलेंगे
अनिल जनविजय
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