"जय संतोषी माता / आरती" के अवतरणों में अंतर
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− | जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी | + | जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | अपने सेवक जन की सुख सम्पति | + | अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता। |
− | मैया जय सन्तोषी | + | मैया जय सन्तोषी माता। |
− | सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो, मैया माँ धारण कींहो | + | सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो, मैया माँ धारण कींहो |
− | हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो, मैया जय सन्तोषी | + | हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे, मैया बदन कमल सोहे | + | गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे, मैया बदन कमल सोहे |
− | मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे, मैया जय सन्तोषी | + | मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे, मैया चँवर डुले प्यारे | + | स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे, मैया चँवर डुले प्यारे |
− | धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे, मैया जय सन्तोषी | + | धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो, मैया ता में सन्तोष कियो | + | गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो, मैया ता में सन्तोष कियो |
− | संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो, मैया जय सन्तोषी | + | संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही, मैया आज दिवस सो ही | + | शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही, मैया आज दिवस सो ही |
− | भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही, मैया जय सन्तोषी | + | भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई, मैया मंगल ध्वनि छाई | + | मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई, मैया मंगल ध्वनि छाई |
− | बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई, मैया जय सन्तोषी | + | बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै, मैया अंगीकृत कीजै | + | भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै, मैया अंगीकृत कीजै |
− | जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै, मैया जय सन्तोषी | + | जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये, मैया संकट मुक्त किये | + | दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये, मैया संकट मुक्त किये |
− | बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये, मैया जय सन्तोषी | + | बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो, मनवाँछित फल पायो | + | ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो, मनवाँछित फल पायो |
− | पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो, मैया जय सन्तोषी | + | पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे, मैया रखियो जगदम्बे | + | चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे, मैया रखियो जगदम्बे |
− | संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे, मैया जय सन्तोषी | + | संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे, मैया जय सन्तोषी माता। |
− | सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे, मैया जो कोई जन गावे | + | सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे, मैया जो कोई जन गावे |
− | ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे, मैया जय सन्तोषी | + | ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे, मैया जय सन्तोषी माता। |
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22:55, 29 मई 2014 के समय का अवतरण
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता।
मैया जय सन्तोषी माता।
सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो, मैया माँ धारण कींहो
हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो, मैया जय सन्तोषी माता।
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे, मैया बदन कमल सोहे
मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे, मैया जय सन्तोषी माता।
स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे, मैया चँवर डुले प्यारे
धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे, मैया जय सन्तोषी माता।
गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो, मैया ता में सन्तोष कियो
संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो, मैया जय सन्तोषी माता।
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही, मैया आज दिवस सो ही
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही, मैया जय सन्तोषी माता।
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई, मैया मंगल ध्वनि छाई
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई, मैया जय सन्तोषी माता।
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै, मैया अंगीकृत कीजै
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै, मैया जय सन्तोषी माता।
दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये, मैया संकट मुक्त किये
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये, मैया जय सन्तोषी माता।
ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो, मनवाँछित फल पायो
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो, मैया जय सन्तोषी माता।
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे, मैया रखियो जगदम्बे
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे, मैया जय सन्तोषी माता।
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे, मैया जो कोई जन गावे
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे, मैया जय सन्तोषी माता।