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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पिया बिनु सेज मोरा सून हो रामा पिया नहि आये
फागुन रंग अबीर नीरस भेल, सरस वसन्त बीति जइहें हो रामा
पिया नहि आये
पापी पपीहा पिया पिया बोले, शब्द सुनइते उर कड़कै हो रामा
पिया नहि आये
मदन बिना हरि उर बेधय, निसदिन रहत फिकरिया हो रामा
पिया नहि आये
रसिक भ्रमर कली पर धाबे, से देखि हिया मोरा साले हो रामा
पिया नहि आये
कोकिल कहय धीर धरु सुन्दरि, चैत बीच औता श्याम हो रामा
पिया नहि आये