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"चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है- टेक
सासू भी आवै दिवला चसावै
दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है- चुप...
जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...