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रचनाकारः {{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=त्रिलोचन}}{{KKPustak|चित्र=|नाम=उस जनपद का कवि हूँ|रचनाकार=[[त्रिलोचन शास्त्री]]|प्रकाशक=--|वर्ष= 1981|भाषा=हिन्दी|विषय=कविता|शैली=--|पृष्ठ=--|ISBN=-- |विविध=--}}* [[Category:कविताएँउस जनपद का कवि हूँ (कविता) / त्रिलोचन]]* [[Category:चीर भरा पाजामा / त्रिलोचन शास्त्री]]* [[भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल / त्रिलोचन]]~*~[[कल फिर वह भिक्षुक आया था / त्रिलोचन]]*~[[हम दोनों हैं दुखी / त्रिलोचन]]*~[[गीतमयी हो तुम / त्रिलोचन]]*~[[तुम्हें याद है / त्रिलोचन]]*~[[सप्त बालचन्द्री आयस पुल राजघाट का / त्रिलोचन]]*~*~*~*~*~*~*~*~*~[[सन्ध्या ने मेघों के कितने चित्र बनाए / त्रिलोचन]]*~[[चन्द्रमुखी ने गोर्की की तस्वीर निहारी / त्रिलोचन]]*~ उस जनपद का कवि हूँ जो भूखा दूखा हैप्रभो,<br>नंगा पुत्र वह मांग रही है, अनजान है, कला--नहीं जानता<br>/ त्रिलोचनकैसी होती है क्या है, वह नहीं मानता<br>कविता कुछ भी * स्त्री के लिए जान दे सकती है। कब सूखा है<br>दी / त्रिलोचनउसके जीवन का सोता* दूब, इतिहास ही बता <br>सकता है। वह उदासीन बिलकुल अपने सेगर्मियों में देखा,<br>भूरी-भूरी थी / त्रिलोचनअपने समाज से है; दुनिया को सपने से<br>* कटहल के फूलों की लहरों ने रोका था / त्रिलोचनअलग नहीं मानता, उसे कुछ भी नहीं पता<br>* झाँय झाँय करती दुपहरिया / त्रिलोचनदुनिया कहाँ से कहाँ पहुँची; अब समाज में<br>वे विचार रह गये नही हैं जिन को ढोता<br>चला जा रहा * [[प्रगतिशील कवियों की नई लिस्ट निकली है वह, अपने आँसू बोता<br>/ त्रिलोचन]]विफल मनोरथ होने पर अथवा अकाज में।<br>* [[गद्य-वद्य कुछ लिखा करो / त्रिलोचन]]धरम कमाता है वह तुलसीकृत रामायण<br>* [[गेहूँ जौ के ऊपर सरसों की रंगीनी / त्रिलोचन]]सुन पढ़ कर, जपता है नारायण नारायण।<br>* [[दीवारें दीवारें दीवारें दीवारें / त्रिलोचन]]