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"गान्ही जी / कैलाश गौतम" के अवतरणों में अंतर

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सिर फूटत हौ, गला कटत हौ, लहू बहत हौ, गान्‍ही जी
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देस बंटत हौ, जइसे हरदी धान बंटत हौ, गान्‍ही जी
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बेर बिसवतै ररूवा चिरई रोज ररत हौ, गान्‍ही जी
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तोहरे घर क' रामै मालिक सबै कहत हौ, गान्‍ही जी
  
सिर फूटत हौ, गला कटत हौ, लहू बहत हौ, गान्‍ही जी<br>
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हिंसा राहजनी हौ बापू, हौ गुंडई, डकैती, हउवै
देस बंटत हौ, जइसे हरदी धान बंटत हौ, गान्‍ही जी<br>
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देसी खाली बम बनूक हौ, कपड़ा घड़ी बिलैती, हउवै
बेर बिसवतै ररूवा चिरई रोज ररत हौ, गान्‍ही जी<br>
+
छुआछूत हौ, ऊंच नीच हौ, जात-पांत पंचइती हउवै
तोहरे घर क' रामै मालिक सबै कहत हौ, गान्‍ही जी<br><br>
+
भाय भतीया, भूल भुलइया, भाषण भीड़ भंड़इती हउवै
  
हिंसा राहजनी हौ बापू, हौ गुंडई, डकैती, हउवै<br>
+
का बतलाई कहै सुनै मे सरम लगत हौ, गान्‍ही जी
देसी खाली बम बनूक हौ, कपड़ा घड़ी बिलैती, हउवै<br>
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केहुक नांही चित्त ठेकाने बरम लगत हौ, गान्‍ही जी
छुआछूत हौ, ऊंच नीच हौ, जात-पांत पंचइती हउवै<br>
+
अइसन तारू चटकल अबकी गरम लगत हौ, गान्‍ही जी
भाय भतीया, भूल भुलइया, भाषण भीड़ भंड़इती हउवै<br><br>
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गाभिन हो कि ठांठ मरकहीं भरम लगत हौ, गान्‍ही जी
  
का बतलाई कहै सुनै मे सरम लगत हौ, गान्‍ही जी<br>
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जे अललै बेइमान इहां ऊ डकरै किरिया खाला
केहुक नांही चित्त ठेकाने बरम लगत हौ, गान्‍ही जी<br>
+
लम्‍बा टीका, मधुरी बानी, पंच बनावल जाला
अइसन तारू चटकल अबकी गरम लगत हौ, गान्‍ही जी<br>
+
चाम सोहारी, काम सरौता, पेटैपेट घोटाला
गाभिन हो कि ठांठ मरकहीं भरम लगत हौ, गान्‍ही जी<br><br>
+
एक्‍को करम न छूटल लेकिन, चउचक कंठी माला
  
जे अललै बेइमान इहां ऊ डकरै किरिया खाला<br>
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नोना लगत भीत हौ सगरों गिरत परत हौ गान्‍ही जी
लम्‍बा टीका, मधुरी बानी, पंच बनावल जाला<br>
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हाड़ परल हौ अंगनै अंगना, मार टरत हौ गान्‍ही जी
चाम सोहारी, काम सरौता, पेटैपेट घोटाला<br>
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झगरा क' जर अनखुन खोजै जहां लहत हौ गान्‍ही जी
एक्‍को करम न छूटल लेकिन, चउचक कंठी माला<br><br>
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खसम मार के धूम धाम से गया करत हौ गान्‍ही जी
  
नोना लगत भीत हौ सगरों गिरत परत हौ गान्‍ही जी<br>
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उहै अमीरी उहै गरीबी उहै जमाना अब्‍बौ हौ
हाड़ परल हौ अंगनै अंगना, मार टरत हौ गान्‍ही जी<br>
+
कब्‍बौ गयल न जाई जड़ से रोग पुराना अब्‍बौ हौ
झगरा क' जर अनखुन खोजै जहां लहत हौ गान्‍ही जी<br>
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दूसर के कब्‍जा में आपन पानी दाना अब्‍बौ हौ
खसम मार के धूम धाम से गया करत हौ गान्‍ही जी<br><br>
+
जहां खजाना रहल हमेसा उहै खजाना अब्‍बौ हौ
  
उहै अमीरी उहै गरीबी उहै जमाना अब्‍बौ हौ<br>
+
कथा कीर्तन बाहर, भीतर जुआ चलत हौ, गान्‍ही जी
कब्‍बौ गयल न जाई जड़ से रोग पुराना अब्‍बौ हौ<br>
+
माल गलत हौ दुई नंबर क, दाल गलत हौ, गान्‍ही जी
दूसर के कब्‍जा में आपन पानी दाना अब्‍बौ हौ<br>
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चाल गलत, चउपाल गलत, हर फाल गलत हौ, गान्‍ही जी
जहां खजाना रहल हमेसा उहै खजाना अब्‍बौ हौ<br><br>
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ताल गलत, हड़ताल गलत, पड़ताल गलत हौ, गान्‍ही जी
  
कथा कीर्तन बाहर, भीतर जुआ चलत हौ, गान्‍ही जी<br>
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घूस पैरवी जोर सिफारिश झूठ नकल मक्‍कारी वाले
माल गलत हौ दुई नंबर क, दाल गलत हौ, गान्‍ही जी<br>
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देखतै देखत चार दिन में भइलैं महल अटारी वाले
चाल गलत, चउपाल गलत, हर फाल गलत हौ, गान्‍ही जी<br>
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इनके आगे भकुआ जइसे फरसा अउर कुदारी वाले
ताल गलत, हड़ताल गलत, पड़ताल गलत हौ, गान्‍ही जी<br><br>
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देहलैं खून पसीना देहलैं तब्‍बौ बहिन मतारी वाले
  
घूस पैरवी जोर सिफारिश झूठ नकल मक्‍कारी वाले<br>
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तोहरै नाव बिकत हो सगरो मांस बिकत हौ गान्‍ही जी
देखतै देखत चार दिन में भइलैं महल अटारी वाले<br>
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ताली पीट रहल हौ दुनिया खूब हंसत हौ गान्‍ही जी
इनके आगे भकुआ जइसे फरसा अउर कुदारी वाले<br>
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केहु कान भरत हौ केहू मूंग दरत हौ गान्‍ही जी
देहलैं खून पसीना देहलैं तब्‍बौ बहिन मतारी वाले<br><br>
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कहई के हौ सोर धोवाइल पाप फरत हौ गान्‍ही जी
  
तोहरै नाव बिकत हो सगरो मांस बिकत हौ गान्‍ही जी<br>
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जनता बदे जयंती बाबू नेता बदे निसाना हउवै
ताली पीट रहल हौ दुनिया खूब हंसत हौ गान्‍ही जी<br>
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पिछला साल हवाला वाला अगिला साल बहाना हउवै
केहु कान भरत हौ केहू मूंग दरत हौ गान्‍ही जी<br>
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आजादी के माने खाली राजघाट तक जाना हउवै
कहई के हौ सोर धोवाइल पाप फरत हौ गान्‍ही जी<br><br>
+
साल भरे में एक बेर बस रघुपति राघव गाना हउवै
  
जनता बदे जयंती बाबू नेता बदे निसाना हउवै<br>
+
अइसन चढ़ल भवानी सीरे ना उतरत हौ गान्‍ही जी
पिछला साल हवाला वाला अगिला साल बहाना हउवै<br>
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आग लगत हौ, धुवां उठत हौ, नाक बजत हौ गान्‍ही जी
आजादी के माने खाली राजघाट तक जाना हउवै<br>
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करिया अच्‍छर भंइस बराबर बेद लिखत हौ गान्‍ही जी
साल भरे में एक बेर बस रघुपति राघव गाना हउवै<br>
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एक समय क' बागड़ बिल्‍ला आज भगत हौ गान्‍ही जी
 
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अइसन चढ़ल भवानी सीरे ना उतरत हौ गान्‍ही जी<br>
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आग लगत हौ, धुवां उठत हौ, नाक बजत हौ गान्‍ही जी<br>
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करिया अच्‍छर भंइस बराबर बेद लिखत हौ गान्‍ही जी<br>
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एक समय क' बागड़ बिल्‍ला आज भगत हौ गान्‍ही जी<br><br>
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13:46, 7 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

सिर फूटत हौ, गला कटत हौ, लहू बहत हौ, गान्‍ही जी
देस बंटत हौ, जइसे हरदी धान बंटत हौ, गान्‍ही जी
बेर बिसवतै ररूवा चिरई रोज ररत हौ, गान्‍ही जी
तोहरे घर क' रामै मालिक सबै कहत हौ, गान्‍ही जी

हिंसा राहजनी हौ बापू, हौ गुंडई, डकैती, हउवै
देसी खाली बम बनूक हौ, कपड़ा घड़ी बिलैती, हउवै
छुआछूत हौ, ऊंच नीच हौ, जात-पांत पंचइती हउवै
भाय भतीया, भूल भुलइया, भाषण भीड़ भंड़इती हउवै

का बतलाई कहै सुनै मे सरम लगत हौ, गान्‍ही जी
केहुक नांही चित्त ठेकाने बरम लगत हौ, गान्‍ही जी
अइसन तारू चटकल अबकी गरम लगत हौ, गान्‍ही जी
गाभिन हो कि ठांठ मरकहीं भरम लगत हौ, गान्‍ही जी

जे अललै बेइमान इहां ऊ डकरै किरिया खाला
लम्‍बा टीका, मधुरी बानी, पंच बनावल जाला
चाम सोहारी, काम सरौता, पेटैपेट घोटाला
एक्‍को करम न छूटल लेकिन, चउचक कंठी माला

नोना लगत भीत हौ सगरों गिरत परत हौ गान्‍ही जी
हाड़ परल हौ अंगनै अंगना, मार टरत हौ गान्‍ही जी
झगरा क' जर अनखुन खोजै जहां लहत हौ गान्‍ही जी
खसम मार के धूम धाम से गया करत हौ गान्‍ही जी

उहै अमीरी उहै गरीबी उहै जमाना अब्‍बौ हौ
कब्‍बौ गयल न जाई जड़ से रोग पुराना अब्‍बौ हौ
दूसर के कब्‍जा में आपन पानी दाना अब्‍बौ हौ
जहां खजाना रहल हमेसा उहै खजाना अब्‍बौ हौ

कथा कीर्तन बाहर, भीतर जुआ चलत हौ, गान्‍ही जी
माल गलत हौ दुई नंबर क, दाल गलत हौ, गान्‍ही जी
चाल गलत, चउपाल गलत, हर फाल गलत हौ, गान्‍ही जी
ताल गलत, हड़ताल गलत, पड़ताल गलत हौ, गान्‍ही जी

घूस पैरवी जोर सिफारिश झूठ नकल मक्‍कारी वाले
देखतै देखत चार दिन में भइलैं महल अटारी वाले
इनके आगे भकुआ जइसे फरसा अउर कुदारी वाले
देहलैं खून पसीना देहलैं तब्‍बौ बहिन मतारी वाले

तोहरै नाव बिकत हो सगरो मांस बिकत हौ गान्‍ही जी
ताली पीट रहल हौ दुनिया खूब हंसत हौ गान्‍ही जी
केहु कान भरत हौ केहू मूंग दरत हौ गान्‍ही जी
कहई के हौ सोर धोवाइल पाप फरत हौ गान्‍ही जी

जनता बदे जयंती बाबू नेता बदे निसाना हउवै
पिछला साल हवाला वाला अगिला साल बहाना हउवै
आजादी के माने खाली राजघाट तक जाना हउवै
साल भरे में एक बेर बस रघुपति राघव गाना हउवै

अइसन चढ़ल भवानी सीरे ना उतरत हौ गान्‍ही जी
आग लगत हौ, धुवां उठत हौ, नाक बजत हौ गान्‍ही जी
करिया अच्‍छर भंइस बराबर बेद लिखत हौ गान्‍ही जी
एक समय क' बागड़ बिल्‍ला आज भगत हौ गान्‍ही जी