भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"क्या कहें क्या कर दिखाने का इरादा मन में है / रविकांत अनमोल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रविकांत अनमोल |संग्रह=टहलते-टहलत...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:18, 10 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
क्या कहें क्या कर दिखाने का इरादा मन में है
आसमानों को झुकाने का इरादा मन में है
इक नए रस्ते पे चलने की तमन्ना है हमें
इक नई मंज़िल को पाने का इरादा मन में है
मुश्किलें क्या आज़माएंगी हमें ऐ दोस्तो
मुश्किलों को आज़माने का इरादा मन में है
हम नए भारत की आशाओं के जलते दीप हैं
आसमां पर जगमगाने का इरादा मन में है