भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रणयगान / पाब्लो नेरूदा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
}}
 
}}
 
[[Category:स्पानी भाषा]]
 
[[Category:स्पानी भाषा]]
 
+
<poem>
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है ही मेरा गान है
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है ही मेरा गान है
 
 
और यहीं से मेरी बेवक़ूफ़ी की शुरूआत होती है ।
 
और यहीं से मेरी बेवक़ूफ़ी की शुरूआत होती है ।
 
  
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरे फेफड़े
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरे फेफड़े
 
 
मुझे तुम से प्यार है,
 
मुझे तुम से प्यार है,
 
+
मुझे तुम से प्यार है मेरी जंगली अंगूर-बेल,
: मुझे तुम से प्यार है मेरी जंगली अंगूर-बेल,
+
 
+
 
और प्यार यदि शराब जैसा हो
 
और प्यार यदि शराब जैसा हो
 
 
तुम्हीं मेरी लत हो,
 
तुम्हीं मेरी लत हो,
 
 
हाथों से पैरों तक :
 
हाथों से पैरों तक :
 
 
तुम परलोक का जाम हो
 
तुम परलोक का जाम हो
 
 
और नियति की मेरी सुराही ।
 
और नियति की मेरी सुराही ।
 
  
 
मुझे तुम से प्यार है आगे को मुख़ातिब
 
मुझे तुम से प्यार है आगे को मुख़ातिब
 
 
मुझे तुमसे प्यार है पीछे को मुड़ता
 
मुझे तुमसे प्यार है पीछे को मुड़ता
 
 
और मेरे पास वह सुर या लय नहीं है
 
और मेरे पास वह सुर या लय नहीं है
 
 
कि तुम मेरा गान गा सको--
 
कि तुम मेरा गान गा सको--
 
+
कभी न ख़त्म होने वाला मेरा गान ।
: कभी न ख़त्म होने वाला मेरा गान ।
+
 
+
  
 
मेरे साज़ के गले से जो गाता है सुर-संगति से परे
 
मेरे साज़ के गले से जो गाता है सुर-संगति से परे
 
 
साज़ ऎलान करता है
 
साज़ ऎलान करता है
 
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरी 'डबल बास'
 
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरी 'डबल बास'
 
 
मेरी प्रियतमे, निगूढ़ और निर्मल
 
मेरी प्रियतमे, निगूढ़ और निर्मल
 
 
मेरा दिल, मेरी बत्तीसी
 
मेरा दिल, मेरी बत्तीसी
 
 
मेरी रौशनी, मेरी चम्मच
 
मेरी रौशनी, मेरी चम्मच
 
 
मेरे फीके अठवारे की लुनाई
 
मेरे फीके अठवारे की लुनाई
 
 
खिड़की के शफ़्फ़ाक शीशे से झाँकते मेरे चांद !
 
खिड़की के शफ़्फ़ाक शीशे से झाँकते मेरे चांद !
 +
</poem>

21:30, 23 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: पाब्लो नेरूदा  » संग्रह: मैं कई बार मर चुका हूंगा
»  प्रणयगान

मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है ही मेरा गान है
और यहीं से मेरी बेवक़ूफ़ी की शुरूआत होती है ।

मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरे फेफड़े
मुझे तुम से प्यार है,
मुझे तुम से प्यार है मेरी जंगली अंगूर-बेल,
और प्यार यदि शराब जैसा हो
तुम्हीं मेरी लत हो,
हाथों से पैरों तक :
तुम परलोक का जाम हो
और नियति की मेरी सुराही ।

मुझे तुम से प्यार है आगे को मुख़ातिब
मुझे तुमसे प्यार है पीछे को मुड़ता
और मेरे पास वह सुर या लय नहीं है
कि तुम मेरा गान गा सको--
कभी न ख़त्म होने वाला मेरा गान ।

मेरे साज़ के गले से जो गाता है सुर-संगति से परे
साज़ ऎलान करता है
मुझे तुम से प्यार है, मुझे तुम से प्यार है मेरी 'डबल बास'
मेरी प्रियतमे, निगूढ़ और निर्मल
मेरा दिल, मेरी बत्तीसी
मेरी रौशनी, मेरी चम्मच
मेरे फीके अठवारे की लुनाई
खिड़की के शफ़्फ़ाक शीशे से झाँकते मेरे चांद !