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"नासमझ यह मोहन ठकुरी / मोहन ठकुरी" के अवतरणों में अंतर

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उसके अपने कभी अपने नही हुए  
 
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अधूरे सपनों को गले लगाकर  
 
अधूरे सपनों को गले लगाकर  
 
 
बैठा यह मोहन ठकुरी
 
बैठा यह मोहन ठकुरी
 
 
गमले के कैकटस जैसा  
 
गमले के कैकटस जैसा  
 
 
न फूल सकता है, न फैल सकता है!
 
न फूल सकता है, न फैल सकता है!
 
 
उसकी हँसी कृत्रिम है
 
उसकी हँसी कृत्रिम है
 
 
अव्यक्त व्यथा-वेदनाओं में लिपटकर
 
अव्यक्त व्यथा-वेदनाओं में लिपटकर
 
 
बैठा यह मोहन ठकुरी
 
बैठा यह मोहन ठकुरी
 
 
किसी के मन में माया बनकर रह नही सकता  
 
किसी के मन में माया बनकर रह नही सकता  
 
 
किसी की आँखों में आँसू बनकर छलक नही सकता !
 
किसी की आँखों में आँसू बनकर छलक नही सकता !
  
(अनुवाद : स्वयं )
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'''मूल नेपाली भाषा से अनुवाद : विर्ख खड़का डुवर्सेली </poem>
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10:22, 26 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

उसके अपने कभी अपने नही हुए
अधूरे सपनों को गले लगाकर
बैठा यह मोहन ठकुरी
गमले के कैकटस जैसा
न फूल सकता है, न फैल सकता है!
उसकी हँसी कृत्रिम है
अव्यक्त व्यथा-वेदनाओं में लिपटकर
बैठा यह मोहन ठकुरी
किसी के मन में माया बनकर रह नही सकता
किसी की आँखों में आँसू बनकर छलक नही सकता !

मूल नेपाली भाषा से अनुवाद : विर्ख खड़का डुवर्सेली