भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मैं हूँ / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=आग का आईना / केदारनाथ अग्रवा...)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
 
|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
|संग्रह=आग का आईना / केदारनाथ अग्रवाल
+
|संग्रह=फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
 
}}
 
}}
  
 +
मैं हूँ
  
 +
:आग और बर्फ़ की वसीयत
  
 +
मौत जिसे पाएगी
  
 
+
जीवन से लिखी ।
 
+
मैं हूँ
+
 
+
माँस-पिंड में बंधा
+
 
+
अपनी जेल
+
 
+
कोई दूसरी नहीं है मेरी जेल
+
 
+
 
+
 
+
(रचनाकाल :6.11.1967)
+

10:20, 28 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण

मैं हूँ

आग और बर्फ़ की वसीयत

मौत जिसे पाएगी

जीवन से लिखी ।