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/* ग़ज़लें */
* [[अब तो उसकी दीद को भी एक ज़माना हो गया / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[वो ज़ालिम तो नहीं पर सोचना था / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[अब दिखायेगा दिखाएगा वो जमाल कहाँ / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[अपना भी वही है जो हर शख़्स का क़िस्सा है / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[गहराई में जाने की कला सीख रही है / कांतिमोहन 'सोज़']]