भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कलीम आजिज़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→ग़ज़ल) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|नाम=कलीम आजिज़ | |नाम=कलीम आजिज़ | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
− | |जन्म=1924 | + | |जन्म=11 अक्तूबर 1924 |
|जन्मस्थान=गाँव तिलहाड़ा, अज़ीमाबाद (पटना), बिहार। | |जन्मस्थान=गाँव तिलहाड़ा, अज़ीमाबाद (पटना), बिहार। | ||
− | |मृत्यु= | + | |मृत्यु=15 फ़रवरी 2015 |
|कृतियाँ=वो जो शायरी का सबब हुआ (2003) | |कृतियाँ=वो जो शायरी का सबब हुआ (2003) | ||
|विविध=पद्मश्री मिल चुकी है। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर। | |विविध=पद्मश्री मिल चुकी है। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर। | ||
|सम्पर्क= | |सम्पर्क= | ||
− | |अंग्रेज़ीनाम= | + | |अंग्रेज़ीनाम=kaleem Aajiz |
|जीवनी=[[कलीम आजिज़ / परिचय]] | |जीवनी=[[कलीम आजिज़ / परिचय]] | ||
}} | }} |
14:03, 6 मार्च 2015 का अवतरण
कलीम आजिज़
जन्म | 11 अक्तूबर 1924 |
---|---|
निधन | 15 फ़रवरी 2015 |
जन्म स्थान | गाँव तिलहाड़ा, अज़ीमाबाद (पटना), बिहार। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
वो जो शायरी का सबब हुआ (2003) | |
विविध | |
पद्मश्री मिल चुकी है। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर। | |
जीवन परिचय | |
कलीम आजिज़ / परिचय |
ग़ज़ल
- दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो / कलीम आजिज़
- शे’र-ओ-सुखन / कलीम आजिज़
- आश्ना गम से मिला राहत से बे-गाना मिला / कलीम आजिज़
- बुलाते क्यूँ हो ‘आजिज़ को बुलाना क्या मज़ा दे है / कलीम आजिज़
- धड़कता जाता है दिल मुस्कुराने वालों का / कलीम आजिज़
- हम को तो बे-सवाल मिले बे-तलब मिले / कलीम आजिज़
- हकीकतों का जलाल देंगे सदाकतों का जमाल देंगे / कलीम आजिज़
- हर चोट पे पूछे है बता याद रहेगी / कलीम आजिज़
- इम्तिहान-ए-शौक में साबित-कदम होना नहीं / कलीम आजिज़
- इस नाज़ इस अँदाज से तुम हाए चलो हो / कलीम आजिज़
- मेरे ही लहू पर गुज़र औकात करो हो / कलीम आजिज़
- मेरी मस्ती के अफसाने रहेंगे / कलीम आजिज़
- मुँह फकीरों से न फेरा चाहिए / कलीम आजिज़
- नज़र को आइना दिल को तेरा शाना बना देंगे / कलीम आजिज़
- काएम है सुरूर-ए-मै-ए-गुलफाम हमारा / कलीम आजिज़
- ये आँसू बे-सबब जारी नहीं है / कलीम आजिज़
- ये दीवाने कभी पांबदियों का गम नहीं लेंगे / कलीम आजिज़
- ये समंदर है किनारे ही किनारे जाओ / कलीम आजिज़
- दिन एक सितम, एक सितम रात करे हो / कलीम आजिज़
- ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थी / कलीम आजिज़
- गम की आग बड़ी अलबेली कैसे कोई बुझाए / कलीम आजिज़
- कलेजा थाम लो रुदाद-ए-ग़म हमको सुनाने दो / कलीम आजिज़