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"जल जहाँ है / रमेश रंजक" के अवतरणों में अंतर

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          जल जहाँ है !
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वहाँ सूखापन कहाँ है ?
 
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यह हक़ीक़त कुछ क़िताबों ने कही है
 
यह हक़ीक़त कुछ क़िताबों ने कही है
 
         आदमियत इम्तहाँ-दर-इम्तहाँ है
 
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इम्तहाँ से ज़िन्दगी उजली बनी है
 
इम्तहाँ से ज़िन्दगी उजली बनी है

14:53, 16 मार्च 2015 के समय का अवतरण

            जल जहाँ है !
वहाँ सूखापन कहाँ है ?

ज़िन्दगी ज़िन्दादिली जल बिन नहीं है
यह हक़ीक़त कुछ क़िताबों ने कही है
        आदमियत इम्तहाँ-दर-इम्तहाँ है
                 वहाँ रूखापन कहाँ है ?

इम्तहाँ से ज़िन्दगी उजली बनी है
वह हमेशा कुनकुनी है, बहुगुणी है
बहुगुणी ज़िन्दादिली ही राज़दाँ है
              वहाँ भूखापन कहाँ है ?