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"हमरा भैय्या आँगन रे शोभा बढ़ै बिसन देव / पँवारी" के अवतरणों में अंतर
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हमरा भैय्या आँगन रे शोभा बढ़ै बिसन देव।
ऊ कौन सो भड़वा रे देखन आयो बिसन देवा।।
ऊ देखता-देखता रे का हो हार्यो बिसन देवा।
ऊ देखता-देखता रे, बहनी हारी बिसन देवा।।
ब्रह्मा सरीको रे पोर्या हार्यो बिसन देवा।
पोर्या सरीको रे गोदड़या हार्यो बिसन देवा।।