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<poem>
'''जरूरी नहीं'''
 
जरूरी नहीं
जो पढ़ा है तुमने
पढ़ा सकोगे
 
'''जिनके घर'''
जिनके घर
बने हुए शीशे के
लगाते पर्दे
 
घर-घर में
फैला रहे हैं डर
टीवी-चैनल
 
'''एक कहानी'''
तेरी-मेरी है
बस एक कहानी
राजा न रानी
 
'''भोग'''
प्रभु के लिए
छप्पन भोग बने
खाये पुजारी
 
'''समय नहीं'''
बड़े दिनों से
मन है मिलने का
समय नहीं
 
'''उल्लू के पठ्ठे'''
उल्लू के पठ्ठे
उल्लू नहीं होंगे तो
भला क्या होंगे
 
'''सफर'''
कहने को तो
सफर है सुहाना
थकते जाना
 
'''कितने कवि'''
कितने कवि
कविता लिखने से
हुए पागल
 
'''पड़ी लकड़ी'''
पड़ी लकड़ी
जब भी है उठायी
आफ़त आयी
 
'''आदेश'''
आदेश हुआ
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