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सूरज दादा / लाला जगदलपुरी
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{{KKRachna
|रचनाकार=लाला
जगदल पुरी
जगदलपुरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
रखते सबको तुम्हीं निरोग,
अच्छे लगते हमको तुम।
सूरज दादा, चमको
तुम।।
तुम।
आसमान में रहते हो,
Sharda suman
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