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|रचनाकार=लाला जगदल पुरीजगदलपुरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
रखते सबको तुम्हीं निरोग,
अच्छे लगते हमको तुम।
सूरज दादा, चमको तुम।।तुम।
आसमान में रहते हो,
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