"उडीक / इमरोज़ / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर
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तूने मुझ में ख़ास क्या देखा है | तूने मुझ में ख़ास क्या देखा है |
15:32, 11 जुलाई 2015 के समय का अवतरण
तूने मुझ में ख़ास क्या देखा है
तुझे ही उडीक कर देखा है
तुम अपनी तरह की खूबसूरत हो
तेरी हर चीज तेरे जैसी खूबसूरत है
तुझे मैं तब से सोच रहा हूँ उडीक रहा हूँ
जब से मैंने अपने आप को सोच लिया था
हर मर्जी उडीक कर ही मिलती है
इस टी सैट को ही देख ले
इसे पिछले साल ही पसंद करके आया था
और इस साल लेकर आ सका हूँ
तेरे कमरे को सजाने की जरुरत नहीं
सजावट की जरुरत भी है और सजावट भी है
मेरी मौजूदगी मेरे कमरे की सजावट है
अपनी मौजूदगी से ज्यादा खूबसूरत कोई सजावट नहीं
तुम खूबसूरत किसे समझते हो
जिसे देखकर देखने वाला भी खूबसूरत होता रहे
अच्छा लगा यह जानकार
जिसे मैं उडीकता रहा हूँ
वह भी मुझे उडीकती रही है
चल आ अब नए टी सैट में चाय बना
और दोनों उडीकों को मिलकर चाय पीते देखें
लगता है
ज़िन्दगी उडीकते प्यालों में
चाय पीते रहना ही है...