भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बही-खाता / राजकमल चौधरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकमल चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
 
{{KKCatMaithiliRachna}}
 
{{KKCatMaithiliRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
एहि खातापर हम घसैत छी
+
एहि खातापर हम घसैत छी
 
संसारक सभटा हिसाब
 
संसारक सभटा हिसाब
 
एहि खातापर हम सदिखन घसैत छी
 
एहि खातापर हम सदिखन घसैत छी

10:57, 5 अगस्त 2015 के समय का अवतरण

एहि खातापर हम घसैत छी
संसारक सभटा हिसाब
एहि खातापर हम सदिखन घसैत छी
अपना कर्मक-अपकर्मक कारी किताब!
जे किछु कयने छी पाप-धर्म
जे किछु बुझने छी जीवन-रहस्य आ प्राण-मर्म
जे किछु बुझने छी प्राण-मर्म
जे किछु कयने छी पाप-धर्म
सभटा अंकित अछि एहि लाल बहीमे
एहि लाल बहीमे सभटा इच्छा, समग्र वासना
जे जतबा अछि जकरासँ लेन-देन
जे रखने छी हेम-नेम
सभ दर्ज भेल अछि
सभ दर्ज भेल अछि एहि लाल बहीमे
एहि लाल बहीमे सभटा इच्छा समग्र वासना
जे जतबा अछि जकरासँ लेन देन
जे रखने अछि हेम-क्षेम
सभ दर्ज भेल अछि
सभ दर्ज भेल अछि एहि लाल बहीमे
ककरासँ की लेने छी
हम सदिखन
स्नेह-दया, माया-ममता, घृणा-क्रोध
ककरा की करबाक अछि ऋणक शोध
एतबा दिनमे ककरापर
कतबा कर्ज भेल अछि
सभ दर्ज भेल अछि एहि लाल बहीमे

कविता लिखबाक ई लाल-बही
थिक हम्मर जीवन-खाता
हमर सभटा अपराध, ज्ञान, अनुभव
मोह-लोभ-संताप पराभव
इच्छा-अभिलाषासँ लीपल-पोतल
अछि एक्कर सभटा पाता
ई हम्मर लालबही थिक जीवन-खाता
जीवन-खाता