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बानर जी / लल्लीप्रसाद पांडेय
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10:49, 11 अगस्त 2015
रंग-बिरंगे चित्र दिखाते, करते, हँसी-ठिठोली हैं,
लड़के-लड़की सभी किलकते, सुनकर बंदर बोली हैं।
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Lalit Kumar
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