भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भारत माता / यात्री

No change in size, 12:53, 19 अगस्त 2015
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>
किऐ कियै टूटल जननि ! धैर्यक सेतु ?कानि रहलहुँ अछि, अरे ! की हेतु ? अहा ! जागल आइ कटु-स्मृति कोन ?जाहिसँ भए भै गेल व्याकुल मोन ? विश्वभरिमे विदित नाम अहाँक !कान्तियो नयनाभिराम अहाँक !केहन उज्जवल उज्ज्वल मा ! अहाँक अतीतभेलहुँ अछि पुनि कोन भयसँ भीत ? जलधि-वसने ! हिम-किरीटिनी किरीटिनि देवि !तव चरण-पंकज युगलकें युगलकेँ सेवि,लोक कहबै अछि अरे ! तिहुँ लोक !अहींकें अहीं केँ चिन्ता, अहीकें अहीकेँ शोक !! कहू जननी किऐ कियै नोर बहैछछाड़ि रहलहुँ अछि किऐ कियै निःश्वास ? 
कोन आकस्मिक विषादक हेतु
भए भै रहल अछि मूँह एहन उदास ?
</poem>