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"अशीर्षक / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

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03:21, 8 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

कहीं से टूटने और जुड़ने के बीच
एक ठूंठ वाक्य, एक जर्जर पुल
एक चर्राता चौखटा होता है.

पड़ोसी आँख और दूर कान के बीच
एक इतिहास की छटपटाहट
एक अनदेखे की रपट
एक टेप रिकार्डर की हलचल होती है.

वक़्त और सिलसिले के बीच
कई डाक तार घर होते हैं

जहां सभ्यता देह बदलती है
और बच्चे सवाल हल करते हैं
अगली क़िताबात के लिए.