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"जन-गण-मन / द्विजेन्द्र 'द्विज'" के अवतरणों में अंतर

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* [[जो पल कर आस्तीनों में हमारी हमको डसते हैं / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[हुज़ूर, आप तो जा पहुँचे आसमानों में / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[जाने कितने ही उजालों का दहन होता है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[कटे थे कल जो यहाँ जंगलों की भाषा मे / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[पृष्ठ तो इतिहास के जन-जन को दिखलाए गए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[बेशक बचा हुआ कोई भी उसका पर न था / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[देख, ऐसे सवाल रहने दे / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[उनका विस्तार ही नहीं होता / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[किसी के पास वो तर्ज़े-बयाँ नहीं देखा / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[नींव जो भरते रहे हैं आपके आवास की / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[आपकी  कश्ती  में बैठे, ढूँढते साहिल रहे / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[उसके इरादे साफ़ थे, उसकी उठान साफ़ / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[सामने काली अँधेरी रात गुर्राती रही / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[अगर वो कारवाँ को छोड़ कर बाहर नहीं आता / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[फ़स्ल सारी आप बेशक अपने घर ढुलवाइए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[सुबह-सुबह यहाँ मुरझाई हर कली बाबा / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[जो लड़ें जीवन की सब संभावनाओं के ख़िलाफ़ / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[हर घड़ी रौंदा दुखों की भीड़ ने संत्रास ने / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[अब के भी आकर वो कोई हादसा दे जाएगा / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[दिलो—दिमाग़ को वो ताज़गी नहीं देते / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[साथियो! वक्तव्य को निर्भीक होना चाहिए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[दिल की टहनी पे पत्तियों जैसी / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[इन बस्तियों में धूल-धुआँ फाँकते हुए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[उनकी आदत बुलंदियों वाली / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[मत बातें दरबारी कर / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[ज़िन्दगी से उजाले गए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[कैसी रही बहार की आमद न पूछिए / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[अँधेरों की सियाही को तुम्हें धोने नहीं देंगे / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[हाँफ़ता दिल में फ़साना और है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[राज महल के नग़्में जो भी गाते हैं / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[आसमानों में गरजना और है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[सबकी बोली है ज़लज़ले वाली / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[पर्वतों जैसी व्यथाएँ हैं / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[चार दिन इस गाँव में आकर पिघल जाते हैं आप / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[कौंध रहे हैं कितने ही आघात हमारी यादों में / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[ये किताबें हिदायतों वाली / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[जो थे बुलंद सही फ़ैसले दिलाने  में / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[चुप्पियों से ग़ज़ल बनाता है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[उघड़ी चितवन / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[चुप्पियाँ  जिस दिन ख़बर हो जाएँगी / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[एक चुप्पी आजकल सारे शहर पर छाई है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[ज़िंदगी का गीत यूँ तो अब नए सुर—ताल पर है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[सन्नाटे से बढ़कर बोली, सन्नाटों की रानी रात / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[सूरज डूबा है आँखों में, आज है फिर सँवलाई शाम / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[रात-दिन हम से तो है उलझती ग़ज़ल / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
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* [[जीवन के हर मोड़ पर अब तो संदेहों का साया है / द्विजेन्द्र 'द्विज']]

23:38, 16 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण


जन-गण-मन
Jan gan man.jpg
रचनाकार द्विजेन्द्र 'द्विज'
प्रकाशक दुष्यंत-देवांश प्रकाशन (अशोक लॉज, मारण्डा - 176102, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश, भारत)
वर्ष 2003
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा
पृष्ठ 80
ISBN
विविध
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