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+ | अन्तरिक्ष में देवलोक है | ||
+ | वहाँ स्वर्ग और नरक का फै़सला होता है | ||
+ | मृत्यु के बाद हम सब पेश होते हैं | ||
+ | अन्तरिक्ष में स्थित किसी न्यायालय में | ||
+ | जहाँ होता हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब | ||
+ | जीवन भर भयभीत रहते हम | ||
+ | अन्तरिक्ष के इन न्यायालयों से | ||
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+ | फिर विज्ञान ने तोड़े सारे विभ्रम | ||
+ | नये सिरे से जाना हमने अन्तरिक्ष को | ||
+ | धीरे-धीरे पता चला | ||
+ | ग्रहों-उपग्रहों का समीकरण | ||
+ | चाँद-सितारों के चमकने का कारण | ||
+ | फिर आकाशगंगा | ||
+ | उडऩ तश्तरियों | ||
+ | और अन्तरिक्ष मानव का खौफ़ | ||
+ | विज्ञान ने ही दिखाया | ||
+ | विकास के चरण में | ||
+ | विज्ञान ने शुरू कर दी घोषणाऐँ | ||
+ | कि फ़लाँ तारीख को | ||
+ | फ़लाँ अन्तरिक्ष तत्व टकराएगा पृथ्वी से | ||
+ | और नष्ट हो जाएगी पृथ्वी | ||
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+ | अन्तरिक्ष फिर बदल गया | ||
+ | भय के कुँए में | ||
+ | विज्ञान ने इसे जब तक | ||
+ | एक तिहाई जाना | ||
+ | कई तिहाई बदल गया इसका रहस्य | ||
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+ | भय के इस पिटारे को | ||
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+ | उनके पूर्वज़ चमकते हैं वहाँ | ||
+ | सितारों की तरह | ||
+ | सूरज काका को वे रोज़ प्रणाम करते हैं | ||
+ | और बुढिय़ा दादी वहाँ बैठी है | ||
+ | जो चरखा कातते हुए | ||
+ | किस्से कहानी सुनाती रहती है | ||
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+ | बच्चों के इस अन्तरिक्ष में | ||
+ | छोड़ दो मुझे | ||
+ | और जिद्द करने दो | ||
+ | चन्दा मामा के लिए। | ||
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16:34, 2 जनवरी 2016 के समय का अवतरण
अन्तरिक्ष
अन्तरिक्ष
एक कौतूहल
एक जिज्ञासा
रहस्य का कुँआ
जिसमें भरा हुआ है भय
पूर्वजों ने बताया था
अन्तरिक्ष में देवलोक है
वहाँ स्वर्ग और नरक का फै़सला होता है
मृत्यु के बाद हम सब पेश होते हैं
अन्तरिक्ष में स्थित किसी न्यायालय में
जहाँ होता हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब
जीवन भर भयभीत रहते हम
अन्तरिक्ष के इन न्यायालयों से
फिर विज्ञान ने तोड़े सारे विभ्रम
नये सिरे से जाना हमने अन्तरिक्ष को
धीरे-धीरे पता चला
ग्रहों-उपग्रहों का समीकरण
चाँद-सितारों के चमकने का कारण
फिर आकाशगंगा
उडऩ तश्तरियों
और अन्तरिक्ष मानव का खौफ़
विज्ञान ने ही दिखाया
विकास के चरण में
विज्ञान ने शुरू कर दी घोषणाऐँ
कि फ़लाँ तारीख को
फ़लाँ अन्तरिक्ष तत्व टकराएगा पृथ्वी से
और नष्ट हो जाएगी पृथ्वी
अन्तरिक्ष फिर बदल गया
भय के कुँए में
विज्ञान ने इसे जब तक
एक तिहाई जाना
कई तिहाई बदल गया इसका रहस्य
भय के इस पिटारे को
सबसे बेहतर जाना बच्चों ने
उनका मामा रहता है अन्तरिक्ष में
उनके पूर्वज़ चमकते हैं वहाँ
सितारों की तरह
सूरज काका को वे रोज़ प्रणाम करते हैं
और बुढिय़ा दादी वहाँ बैठी है
जो चरखा कातते हुए
किस्से कहानी सुनाती रहती है
बच्चों के इस अन्तरिक्ष में
छोड़ दो मुझे
और जिद्द करने दो
चन्दा मामा के लिए।