१.{{KKGlobal}}।। राग रामकली।।{{KKParichay |चित्र=Raidas.jpg|नाम== Headline text == परचै रांम रमै जै कोइ। पारस परसें दुबिध न होइ।। टेक।। जो दीसै सो सकल बिनासरैदास, अण दीठै नांही बिसवास।रविदास|उपनाम=बरन रहित कहै जे रांम, सो भगता केवल निहकांम।।१।।|जन्म=1398 फल कारनि फलै बनराइं|जन्मस्थान=काशी, उपजै फल तब पुहप बिलाइ। ग्यांनहि कारनि क्रम कराईउत्तर प्रदेश, उपज्यौ ग्यानं तब क्रम नसाइ।।२।।भारत|मृत्यु=1518 बटक बीज जैसा आकार, पसर्यौ तीनि लोक बिस्तार।|कृतियाँ= जहाँ का उपज्या तहाँ समाइ, सहज सुन्य |विविध=भक्तिकालीन संत कवि। [[मीराबाई]] रैदास जी को अपना गुरु मानती थीं। गुरु रविदास की कुछ रचनाएँ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में रह्यौ लुकाइ।।३।।संकलित की गई हैं। जो मन ब्यदै सोई ब्यंद|अंग्रेज़ीनाम=Raidas, अमावस मैं ज्यू दीसै चंद।Guru Ravidas|जीवनी=[[रैदास / परिचय]]जल मैं जैसैं तूबां तिरै, परचे प्यंड जीवै नहीं मरै।।४।।}}{{KKCatUttarPradesh}}जो मन कौंण ज मन कूँ खाइ, बिन द्वारै त्रीलोक समाइ।{{KKCatBhaktiKaaleenRachnakaar}}{{KKCatSantKavi}}मन ====रैदास की महिमां सब कोइ कहै, पंडित सो जे अनभै रहे।।५।।पदावली====* [[रैदास के दोहे / रैदास]]कहै * [[प्रभु जी तुम चंदन हम पानी / रैदास यहु परम बैराग, रांम नांम किन जपऊ सभाग।]]* [[प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी / रैदास]]ध्रित कारनि दधि मथै सयांन, जीवन मुकति सदा निब्रांन।।६।। २. ।। राग रामकली।।* [[परचै राम रमै जै कोइ / रैदास]]* [[अब मैं हार्यौ रे भाई। थकित भयौ सब हाल चाल थैं, लोग न बेद बड़ाई।। टेक।। थकित भयौ गाइण अरु नाचण, थाकी सेवा पूजा। काम क्रोध थैं देह थकित भई, कहूँ कहाँ लूँ दूजा।।१।। रांम जन होउ न भगत कहाँऊँ, चरन पखालूँ न देवा। जोई-जोई करौ उलटि मोहि बाधै, ताथैं निकटि न भेवा।।२।। पहली ग्यांन का कीया चांदिणां, पीछैं दीया बुझाई। सुनि सहज मैं दोऊ त्यागे, राम कहूँ न खुदाई।।३।। दूरि बसै षट क्रम सकल अरु, दूरिब कीन्हे सेऊ। ग्यान ध्यानं दोऊ दूरि कीन्हे, दूरिब छाड़े तेऊ।।४।। पंचू थकित भये जहाँ-तहाँ, जहाँ-तहाँ थिति पाई। जा करनि मैं दौर्यौ फिरतौ, सो अब घट मैं पाई।।५।। पंचू मेरी सखी सहेली, तिनि निधि दई दिखाई। अब मन फूलि भयौ जग महियां, उलटि आप मैं समाई।।६।। चलत चलत मेरौ निज मन थाक्यौ, अब मोपैं चल्यौ न जाई। सांई सहजि मिल्यौ सोई सनमुख, कहै भाई / रैदास बताई।।७।। ३.।। राग रामकली।।]]* [[गाइ गाइ अब का कहि गांऊँ। गांवणहारा कौ निकटि बतांऊँ।। टेक।। जब लग है या तन की आसा, तब लग करै पुकारा। जब मन मिट्यौ आसा नहीं की, तब को गाँवणहारा।।१।। जब लग नदी न संमदि समावै, तब लग बढ़ै अहंकारा। जब मन मिल्यौ रांम सागर सूँ, तब यहु मिटी पुकारा।।२।। जब लग भगति मुकति की आसा, परम तत सुणि गावै। जहाँ जहाँ आस धरत है यहु मन, तहाँ तहाँ कछू न पावै।।३।। छाड़ै आस निरास परंमपद, तब सुख सति करि होई। कहै गाऊँ / रैदास जासूँ और कहत हैं, परम तत अब सोई।।४।। ४.।। राग रामकली।।]]* [[राम जन हूँ उंन भगत कहाऊँ, सेवा करौं न दासा।/ रैदास]]* [[अब मोरी बूड़ी रे भाई / रैदास]]गुनी जोग जग्य कछू न जांनूं, ताथैं रहूँ उदासा।। टेक।। भगत हूँ वाँ तौ चढ़ै बड़ाई। जोग करौं जग मांनैं। गुणी हूँ वांथैं गुणीं * [[तेरा जन कहैं, गुणी आप कूँ जांनैं।।१।।काहे कौं बोलै / रैदास]]* [[भाई रे भ्रम भगति सुजांनि / रैदास]]ना मैं ममिता मोह न महियाँ, ए सब जांहि बिलाई।* [[त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे / रैदास]]* [[आयौ हो आयौ देव तुम्ह सरनां / रैदास]]दोजग भिस्त दोऊ समि करि जांनूँ, दहु वां थैं तरक है भाई।।२।। मै तैं ममिता देखि सकल जग, मैं तैं मूल गँवाई। जब मन ममिता एक एक मन, तब हीं एक है भाई।।३।। कृश्न करीम * [[भाई रे रांम हरि राधौ, जब लग एक एक नहीं पेख्या।कहाँ हैं मोहि बतावो / रैदास]]* [[ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै / रैदास]]बेद कतेब कुरांन पुरांननि, सहजि एक * [[अखि लखि लै नहीं देख्या।।४।।/ रैदास]]* [[नरहरि चंचल मति मोरी / रैदास]]जोई जोई करि पूजिये, सोई सोई काची, सहजि भाव सति होई।* [[राम बिन संसै गाँठि न छूटै / रैदास]]* [[तब राम राम कहि गावैगा / रैदास]]कहै * [[संतौ अनिन भगति / रैदास मैं ताही कूँ पूजौं, जाकै गाँव ]]* [[ऐसी भगति न ठाँव न नांम नहीं कोई।।५।। ५.।। राग रामकली।।होइ रे भाई / रैदास]]* [[भगति ऐसी सुनहु रे भाई / रैदास]]* [[अब मोरी बूड़ी रे भाई।कुछ मरम बिचारा / रैदास]]* [[नरहरि प्रगटसि / रैदास]]ता थैं चढ़ी लोग बड़ाई।। टेक।।* [[त्यू तुम्ह कारन केसवे / रैदास]]* [[गौब्यंदे भौ जल / रैदास]]अति अहंकार ऊर मां, सत रज तामैं रह्यौ उरझाई।* [[कहा सूते मुगध नर / रैदास]]* [[कांन्हां हो जगजीवन / रैदास]]करम बलि बसि पर्यौ कछू न सूझै, स्वांमी नांऊं भुलाई।।१।। हम मांनूं गुनी जोग सुनि जुगता, हम महा पुरिष रे भाई। हम मांनूं सूर सकल बिधि त्यागी, ममिता नहीं मिटाई।।२।। मांनूं अखिल सुनि * [[सेई मन सोध्यौ, सब चेतनि सुधि पाई।संमझि / रैदास]] ग्यांन ध्यांन * [[है सब हीं हंम जांन्यूं, बूझै कौंन सूं जाई।।३।।आतम सोयं / रैदास]]* [[कोई सुमार न देखौं / रैदास]]हम मांनूं प्रेम प्रेम रस जांन्यूं, नौ बिधि भगति कराई।* [[पहलै पहरै रैंणि / रैदास]] स्वांग देखि सब ही जग लटक्यौ, फिरि आपन पौर बधाई।।४।। स्वांग पहरि * [[देवा हम साच न जांन्यूं, लोकनि इहै भरमाई।पाप / रैदास]]* [[या रमां एक तूं दांनां / रैदास]]स्यंघ रूप देखी पहराई, बोली तब सुधि पाई।।५।।* [[अब हम खूब बतन / रैदास]]* [[राम गुसईआ जीअ के जीवना / रैदास]]ऐसी भगति हमारी संतौ, प्रभुता इहै बड़ाई।* [[सगल भव के नाइका / रैदास]]* [[मो सउ कोऊ न कहै समझाइ / रैदास]]आपन अनिन और नहीं मांनत, ताथैं मूल गँवाई।।६।।* [[मरम कैसैं पाइबौ रे / रैदास]]* [[जीवत मुकंदे मरत मुकंदे / रैदास]]भणैं * [[साध का निंदकु कैसे तरै / रैदास उदास ताही थैं, इब कछू मोपैं करी न जाई।]]* [[केसवे बिकट माया तोर / रैदास]]आपौ खोयां भगति होत है, तब रहै अंतरि उरझाई।।७।।* [[बरजि हो बरजि बीठल / रैदास]]* [[रांमहि पूजा कहाँ चढ़ँऊँ। / रैदास]]* [[बंदे जानि साहिब गनीं / रैदास]]६.* [[सु कछु बिचार्यौ ताथैं / रैदास]]।। राग रामकली।।* [[माधौ संगति सरनि तुम्हारी / रैदास]]* [[माधौ अविद्या हित कीन्ह / रैदास]]तेरा जन काहे कौं बोलै।* [[देहु कलाली एक पियाला / रैदास]]* [[संत ची संगति संत कथा रसु / रैदास]]बोलि बोलि अपनीं भगति क्यों खोलै।। टेक।।* [[तुझहि चरन अरबिंद / रैदास]]* [[हरि हरि हरि हरि हरि हरि हरे / रैदास]]बोल बोलतां बढ़ै बियाधि, बोल अबोलैं जाई।* [[माटी को पुतरा कैसे नचतु है / रैदास]] बोलै बोल अबोल कौं पकरैं, बोल बोलै कूँ खाई।।१।। बोलै बोल मांनि परि बोलैं, बोलै बेद बड़ाई। उर में धरि धरि जब ही बोलै, तब हीं मूल गँवाई।।२।। बोलि बोलि औरहि समझावै, तब लग समझि नहीं * [[भाई रे भाई।सहज बन्दी लोई / रैदास]]* [[ऐसी मेरी जाति भिख्यात चमारं / रैदास]]बोलि बोलि समझि जब बूझी, तब काल सहित * [[पार गया चाहै सब खाई।।३।। बोलै गुर अरु बोलै चेला, बोल्या बोल की परमिति जाई।कोई / रैदास]]* [[बपुरौ सति रैदास कहै / रैदास थकित भयौ जब, तब हीं परंमनिधि पाई।।४।।]]* [[इहै अंदेसा सोचि जिय मेरे / रैदास]]* [[रांम राइ का कहिये यहु ऐसी / रैदास]]७.* [[रे मन माछला संसार समंदे / रैदास]]।। राग रामकली।। भाई * [[रे भ्रम भगति सुजांनि।चित चेति चेति अचेत काहे / रैदास]]* [[रथ कौ चतुर चलावन हारौ / रैदास]]जौ लूँ * [[जो तुम तोरौ रांम मैं नहीं साच सूँ पहिचानि।। टेक।।तोरौं / रैदास]]* [[किहि बिधि अणसरूं रे / रैदास]]* [[माधवे का कहिये भ्रम नाचण भ्रम गाइण, भ्रम जप तप दांन।ऐसा / रैदास]]* [[माधौ भ्रम सेवा भ्रम पूजा, भ्रम सूँ पहिचांनि।।१।।कैसैं न बिलाइ / रैदास]]* [[मन मेरे सोई सरूप बिचार / रैदास]]भ्रम षट क्रम सकल सहिता, भ्रम गृह बन जांनि।* [[जिनि थोथरा पिछोरे कोई / रैदास]]* [[न बीचारिओ राजा राम को रसु / रैदास]]भ्रम करि करम कीये, भरम की यहु बांनि।।२।।* [[हरि हरि हरि न जपहि रसना / रैदास]]* [[माधवे तुम न तोरहु तउ हम नहीं तोरहि / रैदास]]भ्रम इंद्री निग्रह कीयां, भ्रंम गुफा में बास।* [[प्रानी किआ मेरा किआ तेरा / रैदास]]* [[चमरटा गाँठि न जनई / रैदास]]भ्रम तौ लौं जांणियै, सुनि की करै आस।।३।।* [[पांडे कैसी पूज रची रे / रैदास]]* [[तुझा देव कवलापती सरणि आयौ / रैदास]]भ्रम सुध सरीर जौ लौं, भ्रम नांउ बिनांउं।* [[मेरी प्रीति गोपाल सूँ जिनि घटै हो / रैदास]]* [[कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे / रैदास]]भ्रम भणि * [[जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव / रैदास तौ लौं, जो लौं चाहे ठांउं।।४।।]]* [[मैं का जांनूं देव मैं का जांनू / रैदास]]* [[त्राहि त्राहि त्रिभवन पति पावन / रैदास]]८.* [[जन कूँ तारि तारि तारि तारि बाप रमइया / रैदास]]।। राग रामकली।।* [[हउ बलि बलि जाउ रमईया कारने / रैदास]]* [[नामु तेरो आरती भजनु मुरारे / रैदास]]त्यूँ तुम्ह कारनि केसवे* [[अहो देव तेरी अमित महिमां, अंतरि ल्यौ लागी।महादैवी माया / रैदास]]* [[क्या तू सोवै जणिं दिवांनां / रैदास]]एक अनूपम अनभई, किम होइ बिभागी।। टेक।। इक अभिमानी चातृगा, विचरत जग मांहीं। जदपि जल पूरण मही, कहूं वाँ रुचि नांहीं।।१।। जैसे कांमीं देखे कांमिनीं, हिरदै सूल उपाई। कोटि बैद बिधि उचरैं, वाकी बिथा न जाई।।२।।* [[खांलिक सकिसता मैं तेरा / रैदास]]* [[जो जिहि चाहे सो मिलै, आरत्य गत होई।मोहि बेदन का सजि आखूँ / रैदास]] कहै * [[ताथैं पतित नहीं को अपांवन / रैदास यहु गोपि ]]* [[तू जानत मैं किछु नहीं, जानैं सब कोई।।३।।भव खंडन राम / रैदास]]* [[जिह कुल साधु बैसनो होइ / रैदास]] ९.।। राग रामकली।। आयौ हो आयौ देव तुम्ह सरनां। जांनि क्रिया कीजै अपनों जनां।। टेक।। त्रिबिधि जोनी बास, जम की अगम त्रास, * [[गोबिंदे तुम्हारे भजन बिन, भ्रमत फिर्यौ।से समाधि लागी / रैदास]]* [[नहीं बिश्रांम लहूँ धरनींधर / रैदास]]ममिता अहं विषै मदि मातौ, इहि सुखि कबहूँ * [[भेष लियो पै भेद न दूभर तिर्यौं।।१।।जान्यो / रैदास]]* [[ऐसा ध्यान धरूँ बनवारी / रैदास]]तुम्हारे नांइ बेसास, छाड़ी है आंन की आस, संसारी धरम मेरौ मन न धीजै।* [[अबिगत नाथ निरंजन देवा / रैदास]]* [[पांवन जस माधो तोरा / रैदास]]* [[आज नां द्यौस नां ल्यौ बलिहारा / रैदास दास की सेवा मांनि हो देवाधिदेवा, पतितपांवन, नांउ प्रकट कीजै।।२।।]] १०.।। राग रामकली।। भाई रे रांम कहाँ हैं मोहि बतावो। सति रांम ताकै निकटि * [[सब कछु करत न आवो।। टेक।।कहु कछु कैसैं / रैदास]] राम कहत जगत भुलाना, सो यहु रांम न होई। करंम अकरंम करुणांमै केसौ, करता नांउं सु कोई।।१।। जा रामहि सब * [[जग जानैं, भ्रमि भूले रे भाई।मैं बेद बैद मांनी जें / रैदास]] आप आप थैं कोई न जांणै, कहै कौंन सू जाई।।२।। सति तन लोभ परसि जीय तन * [[चलि मन, गुण परस नहीं जाई।हरि चटसाल पढ़ाऊँ / रैदास]] अखिल नांउं जाकौ ठौर न कतहूँ, क्यूं न कहै समझाई।।३।। भयौ * [[माया मोहिला कान्ह / रैदास उदास ताही थैं, करता को है भाई।]] केवल करता एक सही करि, सति * [[कहि मन रांम तिहि ठांई।।४।।नांम संभारि / रैदास]]* [[हरि को टाँडौ लादे जाइ रे / रैदास]]* [[प्रीति सधारन आव / रैदास]]११.* [[दरसन दीजै राम दरसन दीजै / रैदास]]।। राग रामकली।।* [[सो कत जानै पीर पराई / रैदास]]* [[इहि तनु ऐसा जैसे घास की टाटी / रैदास]]ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै।* [[ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै / रैदास]] साहिब मेरौ मिलै तौ को बिगरावै।। टेक।। सब मैं * [[हरि हैं हरि मैं सब हैं, हरि आपनपौ जिनि जांनां।न जपसि रसना / रैदास]]* [[तू कांइ गरबहि बावली / रैदास]]अपनी आप साखि नहीं दूसर, जांननहार समांनां।।१।।* [[हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास / रैदास]]* [[मिलत पिआरों प्रान नाथु कवन भगति ते / रैदास]]बाजीगर सूँ रहनि रही जै, बाजी का भरम इब जांनं।* [[ऐसे जानि जपो रे जीव / रैदास]]* [[अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी / रैदास]]बाजी झूठ साच बाजीगर, जानां मन पतियानां।।२।।* [[जब रामनाम कहि गावैगा / रैदास]]* [[रामा हो जगजीवन मोरा / रैदास]]मन थिर होइ तौ कांइ न सूझै, जांनैं जांनन हारा।* [[राम मैं पूजा कहा चढ़ाऊँ / रैदास]]* [[यह अंदेस सोच जिय मेरे / रैदास]]कहै * [[आज दिवस लेऊँ बलिहारा / रैदास बिमल बसेक सुख, सहज सरूप संभारा।।३।।]]* [[कवन भगितते रहै प्यारो पाहुनो रे / रैदास]]