इधर <br>
परकोटे और भीतरी दीवारों दीवार के बीच <br>
लम्बी खाई में <br>
ढंग से सँवरे हुए <br>
पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह: <br>
रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक-- फेंक— <br>
सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें <br>
ताक रहीं आकाश। <br>
बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके <br>
मठ और गिरजाघर के खंडहर <br>
चौकाठ-रहित खिड़कियों से उड़ता उमड़ता अंधियार <br>मनुष्यों को मानो मानों खोजता हो धरती पर... <br>
ईश्वर रे, मेर बेचारे, <br>
तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे? <br> <br>
<span style="font-size:14px">बेओग्राद, युगोस्लाविया]
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''कालेमेग्दान'': सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।</span>