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फ़ारूक़ इंजीनियर

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/* कविताएँ */ ग़ज़ल
====कविताएँ====
* [[ / फ़ारूक़ इंजीनियर]]
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|रचनाकार=फारुख़ इंजीनियर
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<poem>
हर जगह ये आशियाना किस का है
ज़र्रे-ज़र्रे में ठिकाना किस का है
 
शाम को रंगीन किस ने कर दिया
सुब्ह-दम मंज़र सुहाना किस का है
 
कौन पानी दे रहा हैं पेड़ को
चोंच मे चिड़िया की दाना किसका है
 
मुर्ग़ हैं किस की सना ख़्वानी में गुम
अन्दलीबो ये तराना किस का है
 
रास्तों पर कौन है साया फ़िगन
परबतों पर शामियाना किस का है
 
किस ने मोती बादलों में भर दिये
इस समन्दर में ख़जा़ना किस का है
 
ज़र्रे-ज़र्रे में नज़र आता है कौन
ये जहां आईना ख़ाना किस का है
 
कौन हैं ‘फ़ारूक़’ सब का राज़दां
सब से ऐसा दोस्ताना किस का है
</poem>
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