{{KKGlobal}}
{{KKParichay
|चित्र=Gang-Kavita-kosh.jpg
|नाम=गँग
|उपनाम=
|जन्म= 1538
|जन्मस्थान=
|मृत्यु=1625
|कृतियाँ= गँग पदावली, गँग पचीसी तथा गँग रत्नावली|विविध=मूल नाम गंगाधर। [[रहीम|अब्दुर्रहीम खा़नख़ाना]] और [[तुलसीदास|गोस्वामी तुलसीदास]] के समकालीन रीतिकाल के कवि |सम्पर्क=कवि।
|जीवनी=[[गँग / परिचय]]
|अंग्रेज़ी नाम=Gang, Kavi Gang}}<sort order{{KKCatBrajBhashaRachnakaar}}===प्रतिनिधि रचनाएँ=="asc" class="ul">
* [[फूट गये हीरा की बिकानी कनी हाट हाट / गँग]]
* [[उझकि झरोखे झाँकि परम नरम प्यारी / गँग]]
* [[रती बिन साधु, रती बिन संत / गँग]]
* [[अब तौ गुनियाँ दुनियाँ को भजै / गँग]]
<* [[चकित भँवरि रहि गयो /sort>गँग]]* [[बैठी थी सखिन संग / गँग]]* [[झुकत कृपान मयदान ज्यों / गँग]]* [[देखत कै वृच्छन में / गँग]]* [[तारों के तेज में चन्द्र छिपे नहीं / गँग]]* [[माता कहे मेरो पूत सपूत / गँग]]* [[एक बुरो प्रेम को पंथ / गँग]] ====[[रहीम|अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना]] की प्रशंसा में लिखे गए छंद====* [[नवल नवाब खानख़ाना जू तिहारी त्रास / गँग]]* [[हहर हवेली सुनि सटक समरकंदी / गँग]]* कश्यप के तरनि औ तरनि के करन जैसे / गँग * नवल नवाब खानख़ाना जू तिहारे डर / गँग * राजे भाजे राज छोड़ि, रन छोड़ि राजपूत / गँग * गंग गोंछ मौन्छे जमुन, अधर सुरसती राग / गँग * बैरम को खानख़ाना बिरच्यो बिराने देश / गँग * बाँधिबे को अंजलि, बिलोकबे को काल ढिग / गँग * नवल नवाब खानख़ाना जी रिसाने रन / गँग * प्रबल प्रचंड बली बैरम के खानख़ाना / गँग * ठट्ठा मार्यो खानख़ाना दच्छन अजीम कोका / गँग * वैन तद्धैन अदच्छ्न / गँग * कुकुम कुम्भि संकुलहि / गँग