भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शबनम शकील" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र= |नाम=शबनम शकील |उपनाम= |जन्म=1942 |जन्म...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Shabnam-shakeel.jpg |
|नाम=शबनम शकील | |नाम=शबनम शकील | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
− | |जन्म=1942 | + | |जन्म=12 मार्च 1942 |
|जन्मस्थान=लाहौर, पाकिस्तान | |जन्मस्थान=लाहौर, पाकिस्तान | ||
− | |मृत्यु=2013 | + | |मृत्यु=02 मार्च 2013 |
− | |कृतियाँ= | + | |कृतियाँ=शबज़ाद (1987), इज़तराब (1994), मुसाफ़त रैगान थी (तीनों कविता-संग्रह) |
− | |विविध= | + | |विविध=कहानियाँ और आलोचना भी लिखी है। शायर आबिद अली आबिद की बेटी थीं। |
|सम्पर्क= | |सम्पर्क= | ||
− | |अंग्रेज़ीनाम= | + | |अंग्रेज़ीनाम=shabnam shakeel |
|जीवनी=[[शबनम शकील / परिचय]] | |जीवनी=[[शबनम शकील / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatMahilaRachnakaar}} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | * [[ / शबनम शकील]] | + | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== |
+ | * [[आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[गए बरस की यही बात यादगार रही / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[हम राह मिरे कोई मुसाफिर न चला था / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[सामने इक बे-रहम हक़ीक़त नंगी हो कर नाचती है / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[वो तो आईना-नुमा था मुझ को / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[ज़ौक़-ए-नज़र को इज़्न-ए-नज़ारा न मिल सका / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[सूखे होंठ सुलगती आँखें सरसों जैसा रंग / शबनम शकील]] | ||
+ | * [[दिन-रात माह-ओ-साल से आगे नहीं गए / शबनम शकील]] |
00:56, 30 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
शबनम शकील
जन्म | 12 मार्च 1942 |
---|---|
निधन | 02 मार्च 2013 |
जन्म स्थान | लाहौर, पाकिस्तान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
शबज़ाद (1987), इज़तराब (1994), मुसाफ़त रैगान थी (तीनों कविता-संग्रह) | |
विविध | |
कहानियाँ और आलोचना भी लिखी है। शायर आबिद अली आबिद की बेटी थीं। | |
जीवन परिचय | |
शबनम शकील / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता / शबनम शकील
- गए बरस की यही बात यादगार रही / शबनम शकील
- हम राह मिरे कोई मुसाफिर न चला था / शबनम शकील
- सामने इक बे-रहम हक़ीक़त नंगी हो कर नाचती है / शबनम शकील
- वो तो आईना-नुमा था मुझ को / शबनम शकील
- ज़ौक़-ए-नज़र को इज़्न-ए-नज़ारा न मिल सका / शबनम शकील
- सूखे होंठ सुलगती आँखें सरसों जैसा रंग / शबनम शकील
- दिन-रात माह-ओ-साल से आगे नहीं गए / शबनम शकील