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"जलो दीप से / सपना मांगलिक" के अवतरणों में अंतर

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कर्म हमेशा करते रहना
मायूसी का न पहनो गहना
दूर हटेगी गम की काली
जीवन में छाये खुशहाली
जलो दीप से लाओ दीवाली
करो पथ दूजों का आलोकित
देखो होगा मन कितना पुलकित
प्रेम समर्पण की बाती निराली
जले अगर तो मने दीवाली