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Kavita Kosh से
/* कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[सच के हक़ में खड़ा हुआ जाए / हस्तीमल 'हस्ती']]
* [[बड़ी गर्दिश में तारे थे, तुम्हारे भी हमारे भी / हस्तीमल 'हस्ती']]
* [[प्यार का पहला ख़त लिखने में / हस्तीमल 'हस्ती']]