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Kavita Kosh से
उनकी हुई है हार माने आज दिल से
विपदा-विपदा हरो गोपी की गोकुल आ के
प्राणों की ही भीख माँगे भुवन निखिल सेl
कितना कठोर श्याम काँप उठूँ लेते नाम