'''ॐ श्री परमात्मने नमः''' <br><br>
'''शान्ति शांति पाठ '''<br><span class="upnishad_mantra">ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः<br>श्रोत्रमथो बलमिन्द्रियाणि च सर्वाणि।<br>सर्वं ब्रह्मौपनिषदं माऽहं ब्रह्म निराकुर्यां मा<br>मा ब्रह्म निराकारोदनिराकरणमस्त्वनिराकरणं मेऽस्तु।<br>तदात्मनि निरते य उपनिषत्सु धर्मास्ते मयि सन्तु ते मयि सन्तु ॥<br><br></span>
<span class="mantra_translation">
हे ईश ! मेरे अंग सब परिपूर्ण और बलवान हों,<br>
नेत्र , श्रोत्रम, प्राण , वाणी , बल इन्द्रियों में महान हों।<br>
उपनिषदों में प्रतिपाद्य ब्रह्म से, गहन मम सम्बन्ध हों,<br>
हो त्रिविध तापों की निवृतिनिवृत्ति, परब्रह्म तत्व तत्त्व प्रबंध हों॥<br><br>
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