{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
}}
{{KKPustak
|चित्र=phoolaurshool.gif
|वर्ष=1955
|भाषा=हिन्दी
|विषय=कविताएँ
|शैली=गीत
|पृष्ठ=73
|विविध=प्रथम संस्करण
}}
====इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ====* [[जग पूछ रहा मुझसे / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मेरी वीणा में स्वर भर दो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ चाहता हूँ दूर जाना / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मैं नहीं चाहता हूँ दुनिया की दौलत / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ शाप नहीं मुझको मंगल वरदान चाहिए / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ हँसने का वरदान मिला है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ फूल ने हँस कर कहा इंसान से / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ फूल बन खिलो कि हार बन सको / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ हर घड़ी हर पल हरेक इंसान का / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मधुर मधुर दीपक जलता है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ चाँदनी, ओ री चाँदनी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मैं लिखूँगा गीत / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ गीत बनकर मैं मिलूँ / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ लिखे गीत मैंने तुम्हें ही सुनाने / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ आज गीले गान मेरे / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ आश पर विश्वास पर दुनियाँ टिकी है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ जीवन के पथ में आते हैं कुछ मोड़ कभी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मेरे आँसू का मोल जगत क्या जाने / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ हँस रहा हूँ क्योंकि रोना भी मना है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ सहारा अभी तक मुझे मिल न पाया / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मत घबराओ पथिक पंथ पर चले चलो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मत रोको मेरी राह चमन के फूलो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ फूल बनकर बिछ सको यदि तुम नहीं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ हैं फूल और काँटे मुझको दोनों समान / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ उपवन का हर फूल शूल ही में खिलता है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ तुम समझ रहे हो शूल जिन्हें / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ मत तुम मेरा कोई आधार बनो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ ओ कवि! जीवन गान सुना रे / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ बुझ न जाए दीप तू जलाए जा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ जब तक प्राणों की वीणा में झंकार शेष / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ जीत हो या हो भले ही हार / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ निष्करुण उन्मत्त रे मन / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]* [[ यह नहीं विश्राम-स्थल रे / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी]]