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अवल हमद<ref>स्तुति</ref> खुदा दा विरद<ref>सिमरन</ref> कीजे इश्क कीता सु जग दा मूल मियां
पहिलां आप ही रब्ब ने इशक कीता ते माशूक है नबी रसूल<ref>हज़रत मुहम्मद</ref> मियां
इशक पीर फकीर दा मरतबा है मरद इशक दा भला रसूल मियां
खुले तिनां दे बाग कलूख<ref>दिल</ref> अंदर जिन्हा कीता है इशक कबूल मियां

शब्दार्थ
<references/>