हिक हुट रहे सिर सुट रहे अंत हुट रहे मन ताया ई
वारस शाह मियां सुते मामले नूं लंगे लुचेने फेर जगाया ई
मलका आखदी सद तूं हीर तांई झब हो तूं औलिया नाईया वे
अलफू मोचिया मौजमा वागिया वे ढुडू माठिया भज तूं भाईया वे
वारस शाह माही हीर नहीं आई मेहर मंगूआं दी घरों आईंया वे
</poem>
{{KKMeaning}}