*[[एक कविता उदासी की / कुमार सौरभ]]
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बचपन में दादी
सुनाती थी एक कहानी
ऐसा नहीं है कि
इस घर की राजकुमारियों में कोई कमी है
सिबाय सिवाय इसके कि
इस घर से लक्ष्मी रहती है उदास
घर की राजकुमारियों की तरह
जिनके सपनों में भी नहीं होता
सफ़ेद घोड़ी वाला राज कुमारराजकुमार
सपने भी तब आते हैं
जब तकिये के नीचे नगद हो !
( प्रकाशित- वागर्थ: नवम्बर 2007)
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