Changes

एक कविता उदासी की / कुमार सौरभ

73 bytes removed, 15:22, 13 अप्रैल 2017
सपने भी तब आते हैं
जब तकिये के नीचे नगद हो !
( प्रकाशित- वागर्थ: नवम्बर 2007)
</poem>
99
edits