Changes

एक देह / मंगलेश डबराल

13 bytes added, 19:51, 14 अप्रैल 2017
{{KKGlobal}}
{{KKRachna|रचनाकार: [[=मंगलेश डबराल]][[Category:कविताएँ]][[Category:|संग्रह=हम जो देखते हैं / मंगलेश डबराल]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~}}{{KKCatKavita}}<poem>
त्वचा आवाज़ों को सुनती है
 
ख़ामोशी की अपनी एक देह है
 
पैरों में भी निवास करती हैं संवेदनाएँ
 
पीठ की अपनी ही एक कहानी है
 
अभी-अभी दबी हथेली का
 
धीरे-धीरे उभरना
 
कुछ कहता है देर तक
 
(1990 में रचित)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,669
edits