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"भरमौर / कुमार कृष्ण" के अवतरणों में अंतर

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लक्षणा देवी<ref>राजा मेरु वर्मा के राज्यकाल में सातवीं शताब्दी में बनाया गया 'लक्षणा देवी' का मन्दिर भी भरमौर के इन्हीं चौरासी मन्दिरों के बीच बना हुआ है</ref> के मन्दिर की घंटियाँ बार-बार।
 
लक्षणा देवी<ref>राजा मेरु वर्मा के राज्यकाल में सातवीं शताब्दी में बनाया गया 'लक्षणा देवी' का मन्दिर भी भरमौर के इन्हीं चौरासी मन्दिरों के बीच बना हुआ है</ref> के मन्दिर की घंटियाँ बार-बार।
 
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11:28, 24 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण

बहुत मुश्किल है-
भरमौर<ref>हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले का आदिवासी क्षेत्र</ref> के अंगतू-भगतू का मुक्त होना
धर्मराज की कचहरी<ref>भरमौर में एक ही स्थान पर चौरासी प्राचीन मंदिर हैं। उनमें एक मन्दिर 'धर्मराज की कचहरी' के नाम से जाना जाता है</ref> से
ऐसे समय में -
जब इरावती गा रही हो विधुत-वीणा पर-
सलिल-शक्ति-गीत
भरमौरिये कर रहे हैं पार वैतरणी नदी<ref>इन्हीं मन्दिरों के बीच में एक स्थान पर 'वैतरणी नदी' बनायी गयी है</ref>

पुत्र पाने की चाह में-
निरन्तर जारी है पशुबलि का सिलसिला
चौरासी मन्दिरों की पूजा
मणिमहेश की यात्रा में
गुज़र जाएगी अभी एक और सदी
धर्मराज की कचहरी में देते रहेंगे हाज़िरी-
जरमू, धरमू, देविया, बसौरिया बार-बार
बजाता रहेगा बुधिया-
लक्षणा देवी<ref>राजा मेरु वर्मा के राज्यकाल में सातवीं शताब्दी में बनाया गया 'लक्षणा देवी' का मन्दिर भी भरमौर के इन्हीं चौरासी मन्दिरों के बीच बना हुआ है</ref> के मन्दिर की घंटियाँ बार-बार।

शब्दार्थ
<references/>