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थकी थकी सुरत निहारेय ‘कछुमनमा’ हो। | थकी थकी सुरत निहारेय ‘कछुमनमा’ हो। | ||
युगल मुरत चित लावेय हो सांवलिया॥17॥ | युगल मुरत चित लावेय हो सांवलिया॥17॥ | ||
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17:37, 28 अप्रैल 2017 के समय का अवतरण
एक हाथ धरैय रामा मटुकी के कोरवा हो।
दोसर मोहन गले डारैय हो सांवलिया॥
बहियाँ में शोभैय रामा लाली पीली फुदना हो।
कंगना अनूप रंग लागैय हो सांवलिया॥15॥
एक हाथ धरैय रामा मटुकी के कोरवा हो।
दोसर मोहन गले डारैय हो सांवलिया॥
बहियाँ में शोभैय रामा लाली पीली फुदना हो।
कंगना अनूप रंग लागैय हो सांवलिया॥15॥
बारी रे उमीरिया के गोरी कारी जोरिया हो।
देखत कि अँखियां अघावै हो सांवलिया॥
नाचत गावत अरु बांसुरी बजात रामा।
गैया कन्हैया ले ले आवैय हो सांवलिया॥16॥
मलय वियार बहैय उड़ि उड़ि धूल परैय।
झुंड झुंड गैया घर आत हो सांवलिया॥
थकी थकी सुरत निहारेय ‘कछुमनमा’ हो।
युगल मुरत चित लावेय हो सांवलिया॥17॥