|रचनाकार=बोधिसत्व
|संग्रह=
}}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyMaa}}<poem>वहाँ कई स्त्रियाँ थींजो नाच रही थीं, गाते हुए
वहाँ कई स्त्रियाँ थीं<br>जो वे खेत में नाच रही थीं, गाते हुए<br><br>याआँगन में यह उन्हें भी नहीं पता थाएक मटमैले वितान के नीचे थाचल रहा यह नाच।
वे खेत में नाच कोई पीली साड़ी पहने थीकोई धानीकोई गुलाबी, कोई जोगन-सीसब नाचते हुए मदद कर रही थीं या<br>आंगन में यह उन्हें भी नहीं पता था<br>एक मटमैले वितान के नीचे था<br>-दूसरे कीचल रहा यह थोड़ी देर नाच ।<br><br>कर दूसरी के लिएहट जाती थीं वे नाचने की जगह से।
कोई पीली साड़ी पहने थी<br>कुछ देर बाद बारी आई माँ के नाचने कीकोई धानी<br>उसने बहुत सधे ढंग सेकोई गुलाबी, कोई जोगन-सी<br>शुरू किया नाचनासब नाचते हुए मदद कर रही थीं<br>गाना शुरू किया बहुत पुराने तरीके सेएक-दूसरे की<br>पुराना गीतथोड़ी देर नाच कर दूसरी माँ के लिए<br>बाद नाचना था जिन्हें वे भीहट जाती जो नाच चुकी थीं वे नाचने की जगह से ।<br><br>भी अचम्भितमन ही मन नाच रही थीं माँ के साथ।
कुछ देर बाद बारी आई माँ मटमैले वितान के नाचने की<br>नीचेउसने बहुत सधे ढंग इस छोर से<br>उस छोर तक नाच रही थी माँशुरू किया नाचना<br>पैरों में बिवाइयाँ थीं गहरे तक फटीगाना शुरू किया बहुत पुराने तरीके से<br>टूट चुके थे घुटने कई बारपुराना गीत<br>झुक चली थी कमरमाँ के बाद नाचना था जिन्हें वे भी<br>पर जैसे भँवर घूमता हैजो नाच चुकी थीं वे भी अचम्भित<br>जैसे बवंडर नाचता है वैसेमन ही मन नाच रही थीं माँ के साथ ।<br><br>थी माँ।
मटमैले वितान के नीचे<br>आज बहुत दिनों बाद उसेइस छोर से उस छोर तक मिला था नाचने का मौकाऔर वह नाच रही थी माँ<br>बिना रुकेपैरों में बिवाइयाँ थीं गहरे तक फटी<br>टूट चुके थे घुटने कई बार<br>झुक चली गा रही थी कमर<br>बहुत पुराना गीतपर जैसे भँवर घूमता है<br>जैसे बवंडर नाचता है वैसे<br>नाच रही थी माँ ।<br><br>गहरे सुरों में।
आज बहुत दिनों बाद उसे<br>मिला था नाचने का मौका<br>और वह नाच रही थी बिना रुके<br>गा रही थी बहुत पुराना गीत<br>गहरे सुरों में ।<br><br> अचानक ही हुआ माँ का गाना बन्द<br>पर नाचना जारी रहा<br>वह इतनी गति में थी कि परबस<br>घूमती जा रही थी<br>फिर गाने की जगह उठा विलाप का स्वर<br>और फैलता चला गया उसका वितान ।<br>वितान।वह नाचती रही बिलखते हुए<br>धरती के इस छोर से उस छोर तक<br>समुद्र की लहरों से लेकर जुते हुए खेत तक<br>सब भरे से उसके नाच की धमक से<br>सब में समाया था उसका बिलखता हुआ गाना ।<br>गाना।<br/poem>