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कह-मुकरियाँ / अमीर खुसरो

6 bytes added, 05:46, 19 सितम्बर 2017
|रचनाकार=अमीर खुसरो
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<poem>
१.
मीठी प्यारी बातें करे।
श्याम बरन और राती नैंना,
सखी सखि साजन न सखि! मैंना।।
25.
कभी करत है रुखे नैंन।
ऐसा जग में कोऊ होता,
सखी सखि साजन न सखि! तोता।।
</poem>