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"दीपक शर्मा 'दीप'" के अवतरणों में अंतर
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+ | * [[घर की थीं ताबानी दादी / दीपक शर्मा 'दीप']] | ||
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+ | * [[एक दुनिया बड़े ज़ुल्म ढाती / दीपक शर्मा 'दीप']] | ||
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+ | * [[वही-वही क्या बात बतानी जाने दो / दीपक शर्मा 'दीप']] | ||
+ | *[[आँखों में जो ख़्वाबों की बीनाई होती है / दीपक शर्मा 'दीप']] | ||
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====भोजपुरी रचनाएँ==== | ====भोजपुरी रचनाएँ==== | ||
* [[चल री सज-धज री दुलहनिया / दीपक शर्मा 'दीप']] | * [[चल री सज-धज री दुलहनिया / दीपक शर्मा 'दीप']] |
16:17, 23 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण
दीपक शर्मा 'दीप'
जन्म | 13 अक्तूबर 1989 |
---|---|
उपनाम | दीप |
जन्म स्थान | कनकपुर, पिंडरा, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
दीपक शर्मा 'दीप' / परिचय |
ग़ज़लें
- हल्का-हल्का-गहरा-गहरा-गाढ़ा-गाढ़ा उतरा है / दीपक शर्मा 'दीप'
- था करम आपका मोहल्ले में / दीपक शर्मा 'दीप'
- मेरे साहिब-जनाब की खुशबू / दीपक शर्मा 'दीप'
- आपका मामला नहीं छूटा / दीपक शर्मा 'दीप'
- रोज़ के रोज़ बरगलाता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- ज़िन्दगी ख़राब हो गई / दीपक शर्मा 'दीप'
- ज़िन्दगी शराब की दुकान पे चली गई / दीपक शर्मा 'दीप'
- हिज्र के सवाल पे बवाल कम नहीं हुआ / दीपक शर्मा 'दीप'
- तोड़ो-तोड़ो , जितनी भी हैं अब तोड़ो / दीपक शर्मा 'दीप'
- उसकी मर्ज़ी का भी थोड़ा करना है / दीपक शर्मा 'दीप'
- बोझिल हैं ये पलकें बाबू / दीपक शर्मा 'दीप'
- पीने दें मयकशों को जहाँ भी पिया करें / दीपक शर्मा 'दीप'
- हमने माना कि हम नहीं अच्छे / दीपक शर्मा 'दीप'
- अज़ब लिख रहे हैं गज़ब लिख रहे हैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- मेरे हक़ में भी , डाल दे मुझको / दीपक शर्मा 'दीप'
- मुट्ठी में दो-चार नहीं / दीपक शर्मा 'दीप'
- जितना-जितना बहरा होता जाता हूँ / दीपक शर्मा 'दीप'
- सवाल होता चला गया हूँ / दीपक शर्मा 'दीप'
- याद करने से पहले भुलाना पड़ा / दीपक शर्मा 'दीप'
- आज मैं ने गुनाह कर डाला / दीपक शर्मा 'दीप'
- ज़िंदगी मोतबर तलाशे है / दीपक शर्मा 'दीप'
- गन्दे जो हैं अच्छा करते-रहते हैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- मुहब्बत में यही झगड़ा करोगे? / दीपक शर्मा 'दीप'
- आबले हैं तो हैं तो हैं तो हैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- आप बरखा बहार हो जाँना / दीपक शर्मा 'दीप'
- सुनो ना! आँख से काँटा निकालो / दीपक शर्मा 'दीप'
- हमारी जान! तुम ऐसा करोगी / दीपक शर्मा 'दीप'
- यार! इस से बड़ा हादिसा कुछ नहीं / दीपक शर्मा 'दीप'
- सफ़र दुश्वार कर दोगे फलाने / दीपक शर्मा 'दीप'
- बहुत गिरिया करोगी जानते हैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- हश्र में थीं नहीं मिरी आँखें / दीपक शर्मा 'दीप'
- वो किसी और की कहानी है / दीपक शर्मा 'दीप'
- कसाब होना पड़ेगा हमको कहा गया था / दीपक शर्मा 'दीप'
- गो बड़े बदज़ुबान हैं पगले / दीपक शर्मा 'दीप'
- गो ग़ज़ब शाइर हुआ हूँ / दीपक शर्मा 'दीप'
- नदी के बीच में सहरा लिखा था / दीपक शर्मा 'दीप'
- गुले-गुलज़ार होकर सो रहा है / दीपक शर्मा 'दीप'
- मुँह से शहद गिराएँ चाची / दीपक शर्मा 'दीप'
- ख़ुदकुशी अंजाम होकर रह गई / दीपक शर्मा 'दीप'
- कौन अभी पुचकारे अम्मा / दीपक शर्मा 'दीप'
- मुझे, बेकार की हुज्जत बताकर छोड़ देता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- हमें फिर बरगलाया जा रहा है / दीपक शर्मा 'दीप'
- तुम भी हारे उसके बअद / दीपक शर्मा 'दीप'
- पछताने पे फिर पछताना पड़ता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- ख़ूब तरक़्क़ी करते हैं ये दोहरे लोग / दीपक शर्मा 'दीप'
- इस तरह ज़िन्दगी से उतारा गया / दीपक शर्मा 'दीप'
- अब तो मर जाने का मन है / दीपक शर्मा 'दीप'
- थोड़ी सी गद्दारी रख / दीपक शर्मा 'दीप'
- सब छलते हैं छलने तक / दीपक शर्मा 'दीप'
- दुनिया भर की बात जुटाई जाती है / दीपक शर्मा 'दीप'
- मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- गुज़र गये वो साल फलाने / दीपक शर्मा 'दीप'
- हर घड़ी क्या वही बताना,उफ़ / दीपक शर्मा 'दीप'
- दुनिया की बात छोड़ो जब याद कुछ करोगे / दीपक शर्मा 'दीप'
- लौट आएं हरजाई बालम / दीपक शर्मा 'दीप'
- करो पेल के दुनियादारी और कहो जै राजा राम / दीपक शर्मा 'दीप'
- निस्बतों में जब से जां गठान सी निकल गई / दीपक शर्मा 'दीप'
- ज़ख़्म को ज़ख़्मे-दिल बनाती हो / दीपक शर्मा 'दीप'
- बे-सबब सिर दिवार कौन करे / दीपक शर्मा 'दीप'
- रूह ऊला थी, जिस्म सानी था / दीपक शर्मा 'दीप'
- एक कँटीली नार है भाई / दीपक शर्मा 'दीप'
- क्या ग़ज़ब तौर की मोहब्बत है / दीपक शर्मा 'दीप'
- ग़र्क कर दो कि तुम चबा लो मुझे / दीपक शर्मा 'दीप'
- कितनी बातें बोली उसने याने क्या-क्या बोला था / दीपक शर्मा 'दीप'
- हम ने ख़ूब नचाया ख़ुद को / दीपक शर्मा 'दीप'
- बिन बोले सब बोल गए तुम / दीपक शर्मा 'दीप'
- अजीब नुक़्ते कमाल नुक़्ते / दीपक शर्मा 'दीप'
- सोचते हैं वे मर चुका हूँ मैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- उस शख़्स से आती थी जुदाई की महक कुछ / दीपक शर्मा 'दीप'
- मामले को दबा के रहना था / दीपक शर्मा 'दीप'
- छज्जे पर है बैठा चाँद / दीपक शर्मा 'दीप'
- अच्छी बातें लग जाती हैं यार बुरी / दीपक शर्मा 'दीप'
- उस गली से जब गुज़रते हम चले जाते हैं दोस्त / दीपक शर्मा 'दीप'
- वादा तो कर रहे हो निभाओगे कब इसे / दीपक शर्मा 'दीप'
- घर की थीं ताबानी दादी / दीपक शर्मा 'दीप'
- छूट गया रनिवास री जोगन / दीपक शर्मा 'दीप'
- हमें जिसने अभी रुस्वा किया था / दीपक शर्मा 'दीप'
- कुछ इदारे थे कुछ मोहब्बत थी / दीपक शर्मा 'दीप'
- नाती के ओ प्यारे बाबा / दीपक शर्मा 'दीप'
- यही उनवान लेकर चल रहे हैं / दीपक शर्मा 'दीप'
- हिज्र के सवाल पे वबाल कम नहीं हुआ / दीपक शर्मा 'दीप'
- ऐसा भी क्या सस्ता होना / दीपक शर्मा 'दीप'
- जब भी ज़िक्रे-ग़म होता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- चिट्ठी रूठी हो क्या चार महीने से? / दीपक शर्मा 'दीप'
- क्या करते गर मर ना जाते / दीपक शर्मा 'दीप'
- अहसासों को ऐसे चाला जाएगा / दीपक शर्मा 'दीप'
- कुछ पागल तो कुछ बौराए रहना पड़ता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- एक दुनिया बड़े ज़ुल्म ढाती / दीपक शर्मा 'दीप'
- सच्चों का तो सादा चेह्रा प्यारा लगता है / दीपक शर्मा 'दीप'
- वही-वही क्या बात बतानी जाने दो / दीपक शर्मा 'दीप'
- आँखों में जो ख़्वाबों की बीनाई होती है / दीपक शर्मा 'दीप'
भोजपुरी रचनाएँ
- चल री सज-धज री दुलहनिया / दीपक शर्मा 'दीप'
- बिछिया तऽ दिहलें बाबू / दीपक शर्मा 'दीप'
- लुगऽरिया छीन लिहलस / दीपक शर्मा 'दीप'
- कलियाँ-कलियाँ कहि के नाऽही अईलें / दीपक शर्मा 'दीप'
- का हो टुकुर टिटिहिरी / दीपक शर्मा 'दीप'
- सइँतत बाटीं चुल्हवा ए दुलहिन / दीपक शर्मा 'दीप'
- हथवा लिहले रँगवा ए दुलहिन / दीपक शर्मा 'दीप'
- गवनवाँ नाही जाब माई / दीपक शर्मा 'दीप'
- चल भइया चल भइया बढ़ चल / दीपक शर्मा 'दीप'
- चिरऽईया मोरी सुबुक-सुबुक कर रोये / दीपक शर्मा 'दीप'
- इहाँ-उहाँ नाचे रमकलिया / दीपक शर्मा 'दीप'