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दाबेड़ा आंसू / करणीदान बारहठ

No change in size, 11:11, 30 दिसम्बर 2017
सपना में खोाओ राणाजी।’
सीराणै आई नींदड़लोनींदड़ली,
दोनां नै आपी आ वैरी।
दोनां री आंख्यां जा चढ़ी,
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