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गौतम राजऋषि

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{{KKParichay
|चित्र=Gautam_rajrishi.jpeg
|नाम=गौतम राजरिशीराजऋषि
|उपनाम=
|जन्म=10 मार्च 1975
|मृत्यु=
|जन्मस्थान= सहरसा, बिहार, भारत
|कृतियाँ=[[पाल ले इक रोग नादाँ / गौतम राजऋषि|पाल ले इक रोग नादाँ]] (2015)|विविध=भारतीय सेना में पदाधिकारी हैं।पूर्व में "गौतम राजरिशी" नाम से लेखन।
|अंग्रेज़ीनाम=gautam rajrishi
|जीवनी=[[गौतम राजरिशी / परिचय]]
|shorturl=grajrishi
}}
{{KKCatBihar}}
{{KKShayar}}
<sort order="asc" class="ul">==ग़ज़ल संग्रह====* '''[[पाल ले इक रोग नादाँ / गौतम राजऋषि]]''' ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====* [[हवा जब किसी की कहानी कहे है हुई राह मुश्किल तो क्या कर चले / गौतम राजरिशी]]* [[ख़बर मिली है जब से ये कि उनको हमसे प्यार है असैनिक व्यथा-1 / गौतम राजरिशी]]
* [[है मुस्कुराता फूल कैसे तितलियों से पूछ लो / गौतम राजरिशी]]
* [[तू जो मुझसे जुदा नहीं होता / गौतम राजरिशी]]
* [[अब के ऐसा दौर बना है / गौतम राजरिशी]]
* [[वो जब अपनी ख़बर दे है / गौतम राजरिशी]]
* [[उठेंगी चिलमनें फिर हम यहाँ देखेंगे किस-किस की / गौतम राजरिशी]]
* [[तू जब से अल्लादिन हुआ / गौतम राजरिशी]]
* [[खोल ना गर मुख जरा तू, सब तेरा हो जाएगा / गौतम राजरिशी]]
* [[अभी जो कोंपलें फूटी हैं छोटे-छोटे बीजों पर / गौतम राजरिशी]]
* [[राह में चांद उस रोज़ चलता मिला / गौतम राजरिशी]]
* [[ये कद-काठी के मेले में लबादा क्या करे / गौतम राजरिशी]]
* [[चीरती-सी जाती है अब ये घर की ख़ामोशी / गौतम राजरिशी]]
* [[ग़ौर कर / गौतम राजरिशी]]
* [[सीखो आँखें पढ़ना साहिब / गौतम राजरिशी]]
* [[ये तेरा यूं मचलना क्या दूर क्षितिज पर सूरज चमका,सुब्‍ह खड़ी है आने को / गौतम राजरिशी]]* [[पूछे तो कोई ये जाकर जब से मुझको तूने छुआ है / गौतम राजरिशी]]* [[जरा धूप फैली जो परों का जब कभी / गौतम राजरिशी]]* [[निगाहों से ज़रा सा आईनों पे जमीं है काई लिख / गौतम राजरिशी]]* [[कितने हाथों ऊँड़स ली तूने जब साड़ी में यहां गुच्छी चाभियों वाली / गौतम राजरिशी]]* [[उनका हरेक बयान हुआ जल चुकी है फ़स्‍ल सारी पूछती अब आग क्या / गौतम राजरिशी]]* [[आज कहलाते एक ग़ज़ल है बनने को / गौतम राजरिशी]]* [[जब छेड़ा मुजरिम का क़िस्सा / गौतम राजरिशी]]* [[हमारे हौसलों को ठीक से जब जान लेते हैं जुगनू कल थे खटमल खाट / गौतम राजरिशी]]* [[चीड़ के जंगल खड़े थे देखते लाचार से / गौतम राजरिशी]]<* [[रात भर चाँद को यूँ रिझाते रहे /sort>गौतम राजरिशी]]* [[खुद से ही बाजी लगी है / गौतम राजरिशी]]* [[चुभती-चुभती सी ये कैसी पेड़ों से है उतरी धूप / गौतम राजरिशी]]* [[देख पंछी जा रहें अपने बसेरों में / गौतम राजरिशी]]* [[हैं जितनी परतें यहाँ आसमान में शामिल / गौतम राजरिशी]]* [[इस बात को वैसे तो छुपाया न गया है / गौतम राजरिशी]]* [[बहो, अब ऐ हवा! ऐसे कि ये मौसम सुलग उट्ठे / गौतम राजरिशी]]* [[न समझो बुझ चुकी है आग / गौतम राजरिशी]]