"नया तरीका / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
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राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम | राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम | ||
− | सौदा पटा | + | सौदा पटा बड़ी मुश्किल से, पिघले नेताराम |
पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम | पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम | ||
− | भारत-सेवक जी | + | भारत-सेवक जी को था अपनी सेवा से काम |
− | खुला चोर-बाज़ार, | + | खुला चोर-बाज़ार, बढ़ा चोकर-चूनी का दाम |
भीतर झुरा गई ठठरी, बाहर झुलसी चाम | भीतर झुरा गई ठठरी, बाहर झुलसी चाम |
11:18, 16 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण
दो हज़ार मन गेहूँ आया दस गाँवों के नाम
राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम
सौदा पटा बड़ी मुश्किल से, पिघले नेताराम
पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम
भारत-सेवक जी को था अपनी सेवा से काम
खुला चोर-बाज़ार, बढ़ा चोकर-चूनी का दाम
भीतर झुरा गई ठठरी, बाहर झुलसी चाम
भूखी जनता की ख़ातिर आज़ादी हुई हराम
नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल
बैलों वाले पोस्टर साटे, चमक उठी दीवाल
नीचे से लेकर ऊपर तक समझ गया सब हाल
सरकारी गल्ला चुपके से भेज रहा नेपाल
अन्दर टंगे पडे हैं गांधी-तिलक-जवाहरलाल
चिकना तन, चिकना पहनावा, चिकने-चिकने गाल
चिकनी किस्मत, चिकना पेशा, मार रहा है माल
नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल
(१९५८)